scorecardresearch
Saturday, 23 November, 2024
होमदेशसूरीनाम में मुर्मू को 'सर्वोच्च नागरिक' पुरस्कार से किया गया सम्मानित, द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत बनाने पर हुई चर्चा

सूरीनाम में मुर्मू को ‘सर्वोच्च नागरिक’ पुरस्कार से किया गया सम्मानित, द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत बनाने पर हुई चर्चा

द्रौपदी मुर्मू और चंद्रिकाप्रसाद संतोखी ने स्वास्थ्य और कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये.

Text Size:

नई दिल्ली: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को सूरीनाम के अपने समकक्ष चंद्रिकाप्रसाद संतोखी से मुलाकात कर उन्होंने रक्षा, कृषि, सूचना-प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की.

इस दौरान राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी से सूरीनाम का सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रैंड ऑर्डर ऑफ़ द चेन ऑफ़ द येलो स्टार’ प्राप्त किया.

सूरीनाम का सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रैंड ऑर्डर ऑफ़ द चेन ऑफ़ द येलो स्टार’ प्राप्त करने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोलीं, “ये सम्मान मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है. ये भारत के 140 करोड़ से अधिक लोगों के लिए भी अत्यधिक महत्व रखता है जिनका मैं प्रतिनिधित्व करती हूं. मैं इस सम्मान को भारतीय-सूरीनामी समुदाय की उन पीढ़ियों को भी समर्पित करती हूं, जिन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को समृद्ध करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है”.

द्रौपदी मुर्मू और चंद्रिकाप्रसाद संतोखी ने स्वास्थ्य और कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये.

पिछले साल जुलाई में पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर रविवार को सूरीनाम पहुंचीं मुर्मू का संतोखी ने यहां राष्ट्रपति भवन में गर्मजोशी से स्वागत किया. राष्ट्रपति मुर्मू ने संतोखी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की.

राष्ट्रपति मुर्मू के कार्यालय ने कहा, ‘‘दोनों राष्ट्रपतियों ने भारत-सूरीनाम संबंधों को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की और रक्षा, कृषि, आईटी और क्षमता निर्माण सहित कई क्षेत्रों पर व्यापक चर्चा की.’’

राष्ट्रपति कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सूरीनाम में भारतीयों के आगमन की 150वीं वर्षगांठ पर आधारित डाक टिकटों के विशेष कवर भेंट किए गए.’’

राष्ट्रपति मुर्मू और राष्ट्रपति संतोखी ने एक कार्यक्रम में भी भाग लिया, जो दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र में भारतीयों के पहले समूह के आगमन पर आधारित था.

उल्लेखनीय है कि 452 भारतीय मजदूरों को लेकर पहला जहाज पांच जून, 1873 को सूरीनाम की राजधानी पारामारिबो पहुंचा था. इस जहाज पर सवार ज्यादातर मजदूर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले थे.

राष्ट्रपति मुर्मू के कार्यालय ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘बाबा’ और ‘माई’ स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की, जो सूरीनाम में कदम रखने वाले पहले भारतीय पुरुष और महिला को दर्शाता है.’’

इससे पूर्व, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘भारत-सूरीनाम बहुआयामी सहयोग को नयी गति प्रदान करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राष्ट्रपति संतोखी ने भारत-सूरीनाम साझेदारी को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की.’’

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने रक्षा, कृषि, आईटी और क्षमता निर्माण सहित द्विपक्षीय सहयोग के कई क्षेत्रों में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की.’’


यह भी पढ़ें: पाकिस्तानी औरत मार्च हमेशा मुसीबत में रहा है, इस बार बात तलाक की है


 

share & View comments