नई दिल्ली: भारत के नए संसद भवन का रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधिकारिक तौर पर उद्घाटन किया. देश को अब नई संसद भवन मिल गई है जिसे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है. इस नई इमारत ने अपने साथ कई खूबियां भी समाहित की हुई हैं. यह बनावट से लेकर आकार, सजावट और सुरक्षा तक कई मायनों में खास है.
12 फरवरी, 1921 को ड्यूक ऑफ कनॉट द्वारा मौजूदा संसद की नींव रखे जाने के लगभग सौ साल बाद इस नई संसद भवन का उद्घाटन किया गया है.
नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया गया है, जिसका डिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है. इसके निर्माण कुल क्षेत्रफल 64,500 वर्गमीटर में हुआ है, जो एक आधुनिक वास्तुकला है.
नई इमारत 1,224 लोगों के बैठने की क्षमता वाली चार मंजिला संरचना है और इसकी लागत 970 करोड़ रुपये है. नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा चैंबर्स के बाहर और अंदर अशोक चक्र लगा हुआ है.
नई लोकसभा में 888 सदस्यों की बैठने की क्षमता है, जो वर्तमान चैंबर्स की तुलना में लगभग तीन गुना है. नया राज्यसभा परिसर को कमल की थीम पर बनाया गया है और इसमें 348 सदस्यों के बैठने की क्षमता है ताकि भविष्य के सांसदों के लिए अतिरिक्त स्थान की जरूरतों को पूरा किया जा सके.
पुराने संसद भवन तरह नए भवन में सेंट्रल हॉल नहीं होगा. बल्कि नए संसद भवन में लोकसभा हॉल को संयुक्त सत्रों को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
नए संसद भवन में एक संवैधानिक हॉल भी है. यहां एक सेंट्रल लाउंज और एक खुला कोर्टयार्ड है, जिसका मकसद सदस्यों के बीच चर्चा को सुविधाजनक बनाना है.
वहीं, नई इमारत एक प्लेटिनम-रेटेड ग्रीन बिल्डिंग है जो सतत विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
भूकंप को झेलने से लेकर ईको फ्रैंडली तक
दिल्ली की बढ़ते भूकंप के खतरे को देखते हुए इससे बचने या झेलने के लिए नई इमारत का निर्माण किया गया है. सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसे जोन 5 में मजबूत झटके झेलने के लिए मजबूत बनाया गया है.
नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा अलग-अलग थीम पर बनाया गया है. लोकसभा में राष्ट्रीय पक्षी, मोर को शामिल किया जाएगा, जबकि राज्यसभा में राष्ट्रीय फूल, कमल को उनकी संबंधित संरचनाओं में शामिल किया जाएगा.
सदन की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए नए संसद भवन में प्रत्येक सांसद की सीट के सामने एक मल्टीमीडिया डिस्प्ले होगा.
नया संसद भवन स्थिरता और ईको फ्रैंडलीनेस को प्राथमिकता देता है. यह 30 प्रतिशत बिजली की खपत को बचाने का काम करेगा. रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स को बढ़ावा देने के लिए वर्षा जल संचयन और सौर ऊर्जा उत्पादन प्रणाली लागू किया जाएगा.
वहीं नए संसद भवन में बहतरीन ऑडियो-विजुअल सिस्टम से लैस काफी अधिक संख्या में कमिटी रूम शामिल हैं. इस अपग्रेड से संसदीय समितियों के सुचारू कामकाज में मदद मिलेगी.
नई इमारत का उद्देश्य जनता के लिए अधिक सुलभ होना है. बच्चों, बुजुर्गों और विकलांग व्यक्तियों के लिए आसान प्रवेश के साथ इसे सार्वजनिक संसद भवन बनाना है. स्पेशल एंट्री के जरिए आम जनता को सार्वजनिक गैलरी और केंद्रीय संवैधानिक गैलरी तक पहुंचने की इजाजत होगी. इसके अतिरिक्त, नए भवन में अग्नि सुरक्षा सुविधाओं में सुधार होगा.
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