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Thursday, 21 November, 2024
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जोगी का जुगाड़ फेल है बिलकुल, ‘जोगीरा सा रा रा’ में नवाजुद्दीन सिद्दीकी करा देंगे टाइमपास

पूरी तरह एक फैमिली फिल्म है ‘जोगीरा सा रा रा’. अगर आप घर में बोर हो रहे हैं, रिश्तेदार के यहां या फिर इस गर्मी में कहीं भी जाने का मूड नहीं है तो आप आराम से फिल्म देखने जा सकते हैं.

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नवाजुद्दीन सिद्दीकी अब अपने साथ एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं. सीरियस रोल्स और अपराधी छवि में अपनी धाक जमा चुके सिद्दीकी कॉमेडी में अपना लक आजमा रहे हैं. वैसे कॉमेडी करते करते उनके फेस पर वो एक्सप्रेशन तो नहीं आता है लेकिन हंसाने में उन्होंने कोई कमी नहीं छोड़ी है.

हम यहां बात कर रहे हैं शुक्रवार यानि बीते 26 मई को रिलीज़ हुई फिल्म ‘जोगीरा सारा रा रा’ की. यह पूरी तरह एक फैमिली फिल्म है और अगर आप घर में बोर हो रहे हैं, रिश्तेदार के यहां या फिर इस गर्मी में कहीं भी जाने का मूड नहीं है तो आप आराम से फिल्म देखने जा सकते हैं. पूरी तरह से फैमिली फिल्म एक किसिंग सीन भी ढूंढने के बाद भी नहीं मिलेगी. वैसे कहीं कहीं बोरियत और बचकाना पन भी नजर आता है. अंत तक यह पता नहीं चलता कि फिल्म क्यों और क्या सोच कर बनाई गई है. लेकिन अगर एक्टिंग की बात करें तो नवाजुद्दीन का एक्सपेरिंमेंट दर्शकों को कैसा लगता है वो तो वही बताएंगे, हालांकि मंझे हुए कॉमेडियन संजय मिश्रा जैसे ही स्क्रीन पर आते हैं बरबस ही आपके चेहरे पर मुस्कान  आ जाएगी.

नेहा भी अपनी ऐक्टिंग की छाप छोड़ने में कामयाब रही हैं.


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कमजोर लेकिन हंसाती है फिल्म

‘जोगीरा सारा रा रा’ की कहानी लखनऊ के रहने वाले जोगी प्रताप (नवाजुद्दीन) की है, जो शानदार इवेंट्स नाम की कंपनी का मालिक है. जो शादियां और पार्टी अरेंज करता है. उसकी खास बात ये है कि जोगी हर चीज में अपने जुगाड़ से सबकुछ पूरा कर देता है. जिसे वो बड़े ही फक्र से बात बात में बोलता भी है. जोगी का जुगाड़ कभी फेल नहीं होता है. फिल्म की कहानी लखनऊ, बरेली और बनारस के इर्द-गिर्द घूमती है. कहीं कहीं यूपी वाला टोन लाने की कोशिश की गई है.

एक दिन ऐसे ही शादी के इवेंट में जोगी की मुलाकात डिंपल से होती है. डिंपल शादी में खूब धमाल काटती हैं. डिंपल और जोगी दोनों ही शादी नहीं करना चाहते हैं. फिर एक दिन जोगी के पास एक परिवार शादी के इवेंट को अरेंज करवाने के लिए आता है और वो डिंपल की ही शादी होती है. डिंपल शादी नहीं करना चाहती है इसलिए जोगी को अपनी शादी तुड़वाने की जिम्मेदारी सौंपती है. और पूरी फिल्म की कहानी इसी के इर्द-गिर्द घूमती है. शादी तुड़वाने और शादी के अरेंजमेंट में लगे जोगी झमेले में फंसते जाते हैं और बाद में दोनों को ही शादी करनी पड़ जाती है. अब दोनों इस शादी के झमेले में फंसने से बचने के लिए क्या क्या करते हैं और आखिरी में क्या होता है….

फिल्म की कहानी बीच बीच में इतनी उबाऊ है कि समझ नहीं आएगा देखें या जाएं. फिल्म का निर्देशन किया है कुशन नंदी ने जो नवाज़ के साथ ‘बाबू मोशाय बंदूकबाज’ बना चुके हैं. वहीं फिल्म को लिखा है गालिब असद भोपाली ने जो बाबूमोशाय के भी लेखक थे. बहुत दिनों बाद ज़रीना वहाब भी स्क्रीन पर नजर आईं है. महाक्षय चक्रवर्ती जिसे आप मिमोह के नाम से जानते हैं उनका किरदार उनसे जितना चाहता है वो करने में कामयाब रहे हैं. कुल मिलाकर फिल्म पूरी तरह से टाइमपास है.


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