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Friday, 22 November, 2024
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हरियाणा में बिजली इंजीनियर पर भड़के मंत्री देवेंद्र सिंह बबली, सस्पेंड करने का दिया आदेश

एसडीई यादव, जिन्हें कथित तौर पर बबली की निंदा के बाद बैठक स्थल से हटा दिया गया था, वह 16 मार्च 2021 को सेवाओं में शामिल हुए थे.

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चंडीगढ़: हरियाणा के पंचायत और विकास मंत्री देवेंद्र सिंह बबली को इस सप्ताह के शुरू में फतेहाबाद जिले के जाखल में एक सब-डिविजनल इंजीनियर (एसडीई) को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के बाद राज्य के बिजली इंजीनियरों से विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

यह घटना मंगलवार को उस समय हुई जब मंत्री अपने टोहाना विधानसभा क्षेत्र के जाखल कस्बे में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे. इस घटना के बाद, हरियाणा पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन (एचपीईए) ने मंत्री की अध्यक्षता वाली किसी भी बैठक में तब तक भाग नहीं लेने का संकल्प लिया जब तक कि वह अपने व्यवहार के लिए माफी नहीं मांगते.

सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में बबली अपने समर्थकों के तालियों के बीच एसडीई अमित यादव पर चिल्लाते हुए दिख रहे है, “ये…बकवास करता है! तेरा दिमाग खराब है के? इसको सस्पेंड करो. हीरो! सारी हीरोगिरी घुसा दूंगा! डकैत!.”

बैठक में दीवाना गांव के निवासी बबली को बताया गया कि उसने अपनी जमीन से ट्रांसफार्मर हटाने के लिए यादव से संपर्क किया था, लेकिन एसडीई ने कहा कि उसे इसके लिए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) में पैसा जमा करना होगा.

जब यादव ने नियमों को समझाने की कोशिश की, तो गुस्से में बबली को यह कहते सुना गया कि, “पहले तो बेचारे के खाली प्लॉट पर ट्रांसफार्मर रख दिया और अब जब वो हटवाना चाहता है तो पैसे मांगते हो.”

यादव ने कहा कि विद्युत अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, दूरी (ट्रांसफार्मर के स्थान के बीच जहां इसे ले जाना है) के आधार पर एक अनुमान तैयार किया जाता है और आवेदक को वह पैसा डीएचबीवीएन के खाते में जमा करना होता है.

यादव ने समझाने की कोशिश की कि उक्त भूखंड पर ट्रांसफार्मर आठ साल से अधिक समय से लगा हुआ है और वह कुछ महीने पहले ही वहां तैनात था, लेकिन बबली ने उसकी एक नहीं सुनी. इस दौरान उनके समर्थकों ने ताली बजाई और देवेंद्र बबली जिंदाबाद के नारे लगाए.

बाद में, एचपीईए ने बबली के आचरण के खिलाफ हिसार में डीएचबीवीएन मुख्यालय में गेट मीटिंग की. इसने कहा कि इसके सदस्य बबली की अध्यक्षता वाली किसी भी बैठक में तब तक शामिल नहीं होंगे जब तक कि वह माफी नहीं मांग लेता.

एसोसिएशन द्वारा एक प्रेस नोट – विजेंद्र लांबा, राज्य अध्यक्ष, और अनिल नागर, हरियाणा पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन के महासचिव द्वारा हस्ताक्षरित – ने आरोप लगाया कि बबली जैसे मंत्री अपने जनता दरबार में अधिकारियों को गाली देकर सस्ती लोकप्रियता चाहते हैं. “…यह विशेष मंत्री अधिकारियों पर नियमों के खिलाफ जाने का दबाव डालता है और चाहता है कि वे बिजली चोरी को अनदेखा करें, वैधानिक शुल्क जमा किए बिना लोगों के काम पूरा करें, या बकाएदारों की बिजली न काटें,” नोट में कहा गया है. दिप्रिंट ने एक्सेस किया है.

इसने कहा कि डीएचबीवीएन प्रबंधन ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है. एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, बिजली मंत्री रंजीत सिंह और हरियाणा पावर यूटिलिटीज के चेयरमैन पी.के. दास, इसकी चिंताओं और “घटना के खिलाफ लिखित रूप में नाराजगी” के बारे में कहा.

जब यादव ने फोन के माध्यम से दिप्रिंट से संपर्क किया तो उन्होंने इस घटना पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया, बबली ने कहा कि उन्हें उनके शब्दों पर खेद है लेकिन उन्होंने कहा कि वह माफी नहीं मांगेंगे.

उन्होंने कहा, “माफी? मैं उन्हें ठीक कर दूंगा. वे डकैत बन गए हैं. गरीब लोग अपने छोटे-मोटे काम के लिए दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन जब तक उनकी हथेलियों पर तेल नहीं लग जाता तब तक वे (बिजली इंजीनियर) हिलते नहीं हैं. मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में इस तरह की जबरन वसूली बर्दाश्त नहीं करूंगा.’

“एसडीई ‘सदमे की स्थिति में’

एसडीई यादव, जिन्हें कथित तौर पर बबली की निंदा के बाद बैठक स्थल से हटा दिया गया था, वह 16 मार्च 2021 को सेवाओं में शामिल हुए थे.

इस साल की शुरुआत में, उन्हें उनके अच्छे कार्य के लिए संगठन की ओर से प्रशंसा पत्र भी मिला था.

जब दिप्रिंट ने बुधवार को उनसे फोन पर संपर्क किया, तो उन्होंने कहा, “मैं आपसे बात करने के लिए सही मानसिक स्थिति में नहीं हूं.”

नाम न छापने का अनुरोध करते हुए उनके एक सहयोगी ने दिप्रिंट से कहा, ‘वह अब भी सदमे में है…ऐसा लगता है कि वह डिप्रेशन में चला गया है.

‘इस बीच, मंत्री ने डीएचबीवीएन के अधिकारियों को “जबरन वसूली करने वाला” कहा, “केवल तीन दिन पहले, वे बिजली चोरी की जांच के नाम पर टोहाना में एक घर में तड़के घुस गए.”

“घर के मालिक की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई. आईपीसी की धारा 304 (लापरवाही से मौत) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

जब दिप्रिंट ने बबली को याद दिलाया कि यादव ने जिन आरोपों का उल्लेख किया है, वे विद्युत अधिनियम के अनुसार हैं, तो मंत्री ने पूछा कि सबसे पहले शिकायतकर्ता की जमीन पर ट्रांसफॉर्मर लगाने के लिए डीएचबीवीएन के अधिकारियों को किसने अधिकृत किया था.

(संपादन: आशा शाह )

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)


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