नई दिल्ली: बीते शुक्रवार को भारतीय सेना के एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि सेना, असम राइफल्स और वायुसेना ने मणिपुर में कानून व्यवस्था बहाल करने और स्थिति सामान्य करने के लिए पिछले लगभग 48 घंटों में अथक प्रयास किया है.
बयान में कहा गया है कि सुरक्षा बलों द्वारा त्वरित प्रतिक्रिया के कारण हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों के अल्पसंख्यक समुदायों के नागरिकों को बचाया गया. मणिपुर सरकार ने 3 और 4 मई को मणिपुर के कुछ जिलों में सामुदायिक झड़पों के तुरंत बाद सेना और असम राइफल्स की मांग की थी.
सक्रिय और समय पर प्रतिक्रिया के चलते चुराचांदपुर, केपीआई, मोरेह और काकिंग अब पूरी तरह सुरक्षा एजेंसियों के नियंत्रण में हैं और कल रात से किसी बड़ी हिंसा की सूचना नहीं मिली है.
ताजा जानकारी के मुताबिक बीते 12 घंटों में, इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों में आगजनी की छिटपुट घटनाएं और असामाजिक तत्वों द्वारा नाकाबंदी करने के छोटे-मोटे प्रयास देखे गए, लेकिन सुरक्षा बलों ने त्वरित कारवाई कर उसे भी अपने नियंत्रण में ले लिया.
सुरक्षा बलों की ओर से फ्लैग मार्च निकाला जा रहा है, साथ ही सभी प्रमुख गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.
बयान में कहा गया है कि लगभग 13,000 नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. सरकार जल्द से जल्द स्थिति सामान्य करने और कानून व्यवस्था लागू करने की दिशा में काम कर रही है.
इसमें आगे कहा गया है कि भारतीय सेना कानून और व्यवस्था बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी से शांति की अपील करती है और सभी समुदायों से हिंसा का रास्ता छोड़ने का आग्रह करती है.
जैसा कि भारतीय सेना और असम राइफल्स ने हिंसा प्रभावित मणिपुर में प्रभावित लोगों को निकालने और सहायता प्रदान करने के अपने प्रयासों को जारी रखा है, स्थानीय लोगों ने सुरक्षा बलों के प्रयासों की प्रशंसा की और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया.
भारतीय सेना द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से बचाए गए परिवारों को सेना और असम राइफल्स के परिसर में रहने की झलक दिखाई गई है. सेना के अनुसार कुल मिलाकर लगभग 13,000 लोगों को आवास उपलब्ध कराया गया है.
इससे पहले सेना ने शुक्रवार को एक बयान में कहा था कि मणिपुर में स्थिति को सभी की सामूहिक प्रयासों द्वारा लाया जा सकता है. भारतीय सेना ने कहा था, ‘सभी सामूहिक प्रयास और समन्वित कार्रवाइयों के माध्यम से स्थिति को नियंत्रण में लाया गया है. भारतीय वायुसेना के दो विमान C17 ग्लोबमास्टर और AN 32 ने लगातर मदद की.’
भारतीय सेना ने भी नागरिकों से केवल आधिकारिक और सत्यापित जानकारियों पर भरोसा करने का आग्रह किया.
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