मुंबई, 28 अप्रैल (भाषा) कौन थीं जिया खान? 25 वर्षीय अभिनेत्री के जुहू स्थित अपने घर में फांसी पर लटके पाए जाने के दस साल बाद शुक्रवार को सीबीआई की एक विशेष अदालत ने उनके प्रेमी सूरज पंचोली को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप से बरी कर दिया।
उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ व्लादिमीर नाबोकोव की ‘लोलिता’ की रीमेक ‘निशब्द’ के साथ अपना फिल्मी सफर शुरू किया और इसके अलावा दो अन्य फिल्मों में अभिनय किया। उनकी दूसरी फिल्म 2008 में आई ‘गजनी’ थी जिसमें उन्होंने आमिर खान के साथ सहायक अभिनेत्री के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने 2010 में आई कॉमेडी फिल्म ‘हाउसफुल’ में अक्षय कुमार, दीपिका पादुकोण और रितेश देशमुख के साथ काम किया।
जिया अमेरिकी नागरिक थीं और जब उन्हें 2007 में राम गोपाल वर्मा की ‘निशब्द’ में काम करने का मौका मिला तो उस समय उनकी उम्र में 20 साल भी नहीं थी।
फिल्म में उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें ‘फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल डेब्यू अवार्ड’ के लिए नामांकित किया गया था।
भारतीय अमेरिकी व्यवसायी अली रिजवी खान और पूर्व अभिनेत्री राबिया अमीन की बेटी जिया का जन्म न्यूयॉर्क शहर में हुआ था। जब वह दो साल की थीं तब उनके माता-पिता अलग हो गए थे और बॉलीवुड में करियर बनाने के लिए मुंबई पहुंचने से पहले वह लंदन गईं जहां उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की।
जिया की आखिरी फिल्म 2010 में आई थी और इसके तीन साल बाद तीन जून, 2013 को वह मां राबिया खान को बेडरूम में मृत मिलीं।
मामले में अभियोजन पक्ष की प्रमुख गवाह राबिया खान ने अदालत को बताया कि उनका मानना है कि यह हत्या का मामला है, न कि आत्महत्या का।
राबिया ने अदालत के फैसले के बाद कहा, ‘मैं लडूंगी। यह फैसला आश्चर्यजनक नहीं है…मुझे इसका अनुमान था। यह आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला नहीं है, यह हत्या का मामला है।’
जिया की मौत के कुछ दिन बाद एक पत्र मिला। अभिनेत्री ने इसमें पंचोली के साथ अपने खराब हुए संबंधों के बारे में लिखा था।
सोशल मीडिया पर आए इस पत्र में आरोप लगाया गया था कि पंचोली ने जिया के साथ मारपीट की और उसे गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया।
इस पत्र में लिखा था, ‘मैं पहले ही सबकुछ खो चुकी हूं। जब आप इसे पढ़ रहे हों तो हो सकता है कि मैं पहले ही जा चुकी हूं या जाने वाली हूं। मैं अंदर से टूट चुकी हूं। आप यह नहीं जानते होंगे, लेकिन आपने मुझे इस हद तक प्रभावित किया कि मैं आपसे प्यार करने में खुद को खो बैठी। फिर भी आपने मुझे हर रोज प्रताड़ित किया।
भाषा नेत्रपाल पवनेश
पवनेश
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