विभागीय अधिकारी विधायकगणों द्वारा इंगित की जाने वाली विधानसभा क्षेत्रों की प्रमुख समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए, उनका समाधान करें. राज्य के समग्र विकास के लिए सबको एकजुट होकर कार्य करना होगा. जिलाधिकारी भी जनपदों में समय-समय पर विधायकगणों के साथ बैठक कर उनके क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान करें. यह निर्देश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में विधानसभा क्षेत्र यमुनोत्री, बद्रीनाथ, प्रतापनगर, चकराता, ज्वालापुर, भगवानपुर, झबरेड़ा, पिरान कलियर, मंगलौर, लक्सर, खानपुर एवं हरिद्वार ग्रामीण की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये.
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जल जीवन मिशन के कार्यों में तेजी लाई जाय. यह सुनिश्चित किया जाए कि ग्रीष्म काल में लोगों को पेयजल की किल्लत न हो. विकास कार्यों में तेजी लाने तथा क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान के लिए जिलाधिकारी कार्यों की प्रगति को देखने के लिए अधिकारियों को क्षेत्र आवंटित करें एवं समय-समय पर स्वयं निरीक्षण करें. आपदा प्रबंधन की दृष्टि से तहसील स्तर पर भी आवश्यक उपकरणों एवं मानव संसाधन की पूरी व्यवस्था की जाए.
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में कृषि, बागवानी, पर्यटन, उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सराकर द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं. स्वास्थ्य शिक्षा, कनेक्टिविटी को और सृदृढ़ बनाने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं. लोगों की आजीविका में वृद्धि के लिए अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं.
बैठक में विधाकगणों द्वारा सड़कों के निर्माण एवं सुदृढ़कीरण, पेयजल के लिए हैण्डपम्पों की आवश्यकता, पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने, बाढ़ सुरक्षा के कार्य, कूड़ा निस्तारण की समस्या, ड्रेनेज एवं सीवरेज की समस्या एवं अपने क्षेत्रों की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया. मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकगणों द्वारा जो भी जन समस्याएं रखी गई हैं, उनका हर संभव समाधान किया जायेगा.
बैठक के दौरान विधायकगणों ने प्रदेश के समग्र विकास के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा की जा रही पहल की सराहना की. उन्होंने इस पहल को राज्य के व्यापक हित में भी बताया.
बैठक में विधायक श्री प्रीतम सिंह, ई. रवि बहादुर, श्रीमती ममता राकेश, श्री वीरेन्द्र कुमार, श्री फुरकान अहमद, श्री सरवत करीम अंसारी, श्री शहजाद, श्रीमती अनुपमा रावत, श्री संजय डोभाल, श्री विक्रम सिंह नेगी, श्री राजेन्द्र सिंह भण्डारी, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, श्री नितेश झा, श्री बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार श्री एच.सी. सेमवाल, श्री दीपेन्द्र चौधरी, डॉ. आर राजेश कुमार, शिक्षा महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी, विभिन्न विभागीय अधिकारी, वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित थे.
यहां पढ़ें: ‘बिल्कुल भी भरोसा नहीं’ नीतीश सरकार के फैसले का विरोध क्यों कर रहे हैं बिहार के लाखों शिक्षक