मुंबई: मुंबई में करोड़ों की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को लागू करने वाली ‘मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी’ (MMRDA) लैंड बैंक के कम हो जाने के बाद अब अपने खजाने को बनाए रखने के लिए कई नए तरीकों की ओर देख रही है. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.
MMRDA ने लंबे समय से फंड के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) और वडाला के प्रमुख क्षेत्रों में अपने भूमि बैंक का इस्तेमाल करती आई है ताकि वह मेगा परिवहन बुनियादी ढांचे के कार्यों को अंजाम दे सके. लैंड बैंक वह आरक्षित जमीन होती है जिसे प्राधिकरण ने अधिग्रहित किया होता है और उस जमीन को भविष्य के विकास के लिए और राजस्व के स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
लैंड बैंक की ज्यादातर जमीन की पहले ही नीलामी हो चुकी है और पाइपलाइन में 1.19 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं हैं. इसे देखते हुए अब एमएमआरडीए धन जुटाने के लिए नए रास्ते तलाश रहा है. इनमें मुंबई के एंट्री प्वाइंट पर टोलिंग अधिकार प्राप्त करना, ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट को लागू करना और संभवत इसकी संपत्ति को सुरक्षित करना शामिल है.
एस.वी.आर. एमएमआरडीए आयुक्त श्रीनिवास ने दिप्रिंट को बताया, ‘महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) को 2027 तक मुंबई के पांच एंट्री प्वाइंट पर टोल लेने का अधिकार है. लेकिन अब हम कई कैपिटल-इंटेंसिव परियोजनाओं को लागू कर रहे हैं जो शहर के भीतर कनेक्टिविटी में काफी सुधार करेंगी. इसलिए हमने प्रस्ताव दिया है कि हमें (MMRDA) 2027 के बाद भी टोलिंग अधिकार दिए जाएं.’
श्रीनिवास ने कहा, ‘हम बड़े पैमाने पर ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट की ओर भी देख रहे हैं. मास-ट्रांजिट कॉरिडोर के कारण डेवलपर्स वैसे भी फायदे में रहने वाले हैं. लेकिन हमें शहर के विकास के लिए कुछ बेनेफिट्स को वापस लाने में भी सक्षम होना चाहिए.
इसके अलावा इन कामों को करने के लिए जो कर्ज लिया गया है, उसका भुगतान करने और एमएमआरडीए फंड जुटाने के लिए अपनी संपत्ति का मुद्रीकरण करने की योजना बना रहा है. पिछले महीने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में एमएमआरडीए की प्राधिकरण बैठक में सभी प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की गई थी. दिप्रिंट की इन प्रस्तावों पर एक नजर-
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एमएमआरडीए का लैंड बैंक
370 हेक्टेयर में फैला बीकेसी और वडाला में 126 हेक्टेयर का अधिसूचित क्षेत्र एक तरह से एमएमआरडीए के लिए चांदी है. दरअसल सरकारी एजेंसी इन पर अपनी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के हिस्से के फंड के लिए निर्भर करती है.
पिछले कुछ सालों में बीकेसी मुंबई के प्रमुख व्यवसाय केंद्र के रूप में विकसित हुआ है, जहां दो लाख से ज्यादा लोग सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ निजी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करते हैं. इसमें कई पांच सितारा होटल, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), एक डायमंड एक्सचेंज और एक बड़ा कन्वेंशन सेंटर भी शामिल है. MMRDA साल 1977 से BKC के लिए स्पेशल प्लानिंग अथॉरिटी रहा है.
पिछले महीने की बैठक में एमएमआरडीए ने बीकेसी में दो और प्लाटों की नीलामी के लिए बोलियां आमंत्रित करने का फैसला किया है. इनसे 80 साल की लीज से 2,938.25 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.
पिछले साल भी MMRDA ने अपने दो बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स प्लॉट्स को पट्टे पर दिया था, जिससे सरकारी प्राधिकरण को कुल मिलाकर 2,067 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी.
नाम न बताने की शर्त पर एमएमआरडीए के एक अधिकारी ने कहा कि एमएमआरडीए विकास के लिए 1.19 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं अपने हाथ में ले रहा है. इनमें वर्सोवा-विरार समुद्री लिंक, ठाणे तटीय सड़क और पूर्वी फ्रीवे का विस्तार शामिल है.
अधिकारी ने कहा, ‘अब तक बड़े मुंबई महानगरीय क्षेत्र (मुंबई का शहरी समूह) में बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए MMRDA ज्यादातर अपने भूमि बैंक पर निर्भर रहा है. एक अपवाद के रूप में कुछ परियोजनाओं के लिए MMRDA ने बाहरी स्रोतों से कर्ज लिया है, मसलन केंद्र सरकार के संस्थान. लेकिन यह भूमि बैंक जल्द ही खत्म होने जा रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘आगामी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में पैसा लगाने के लिए हमें राजस्व के अन्य स्रोतों के बारे में तत्काल सोचने की जरूरत है.’
फिलहाल एमएमआरडीए कमर्शियल डेवलपमेंट के लिए 80 साल के पट्टे पर दो भूखंडों की नीलामी करने की योजना बना रहा है. इसमें से एक जमीन का हिस्सा 7,071.90 वर्ग मीटर का और दूसरा 6,096.67 वर्ग मीटर का.
मेंबरशिप सब्सक्रिप्शन फीस, हेलीपैड और बैंक्वेट लॉन के आधार पर प्राधिकरण को एक निश्चित वार्षिक शुल्क के बदले बीकेसी में एक क्लब हाउस बनाने और चलाने के लिए निविदाएं आमंत्रित करने की भी योजना बनाई गई है.
टोलिंग, ट्रांजिट-ओरिएंटिड डवलपमेंट
पिछले महीने सीएम शिंदे की अध्यक्षता में प्राधिकरण की बैठक में MMRDA को 2027 के बाद मुंबई के पांच एंट्री प्वाइंट पर टोलिंग अधिकार लेने के लिए सैद्धांतिक रूप से मंजूरी मिल गई थी. 2027 के बाद MSRDC का टोल लेने का अधिकार खत्म हो रहा था.
राज्य भर में सड़क के बुनियादी ढांचे के निर्माण की देखरेख करने वाली एक अन्य सरकारी संस्थान ‘एमएसआरडीसी’ को 1995 और 1998 के बीच मुंबई में 55 फ्लाईओवरों के निर्माण के लिए एजेंसी को मुआवजा देने के लिए मुंबई में पांच प्रवेश बिंदुओं पर टोल लेने का अधिकार दिया गया था.
श्रीनिवास ने कहा, ‘हम जगह-जगह ओपन रोड टोल लगाकर टोलिंग प्रणाली में सुधार करने की योजना बना रहे हैं. इससे ट्रैफिक की भीड़ कम होगी.’
एक ओपन रोड टोलिंग सिस्टम में किसी तरह का कोई पारंपरिक टोल बूथ नहीं होते हैं. इसमें चलती गाड़ियों को डिटेक्ट करके टैक्स लिया जाता है. रिपोर्टों के अनुसार, एमएमआरडीए सबसे पहले निर्माणाधीन सेवरी-न्हावा शेवा मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक पर ओपन रोड टोलिंग (ओआरटी) प्रणाली शुरू करने की योजना बना रहा है. इस साल दिसंबर तक इसके पूरा होने की उम्मीद है.
बैठक के विवरण के मुताबिक, एमएमआरडीए कमिश्नर मुंबई महानगर क्षेत्र में अन्य संभावित स्थानों की भी पहचान करेंगे जहां टोल टैक्स लगाने की जरूरत है और राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेजा जाएगा.
एमएमआरडीए मास ट्रांजिट कॉरिडोर के साथ एक निर्दिष्ट प्रभाव क्षेत्र में विकास से एडिशनल फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) पर प्रीमियम से प्रति वर्ष 1,300 करोड़ रुपये जुटाने की भी उम्मीद कर रहा है. एमएमआरडीए के अधिकारियों का कहना है कि दहिसर ईस्ट-अंधेरी ईस्ट मेट्रो कॉरिडोर पर पायलट आधार पर ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट मॉडल को लागू करने के संबंध में 2020 में राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया था. इस कॉरिडोर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल जनवरी में किया था.
यह प्रस्ताव अब तक ठंडे बस्ते में था. लेकिन पिछले महीने की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि एमएमआरडीए राज्य सरकार के साथ इस प्रस्ताव का फॉलोअप करेगा.
(अनुवाद: संघप्रिया मौर्या | संपादन: आशा शाह )
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