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Friday, 22 November, 2024
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राजे का गाइडेंस लेना, लो प्रोफाइल रहना – पार्टी की एकता के लिए राजस्थान के नए BJP प्रमुख की कोशिश

गुटबाजी वाली इकाई में 'तटस्थ चेहरे' के रूप में देखे जाने वाले जोशी को चुनावी राज्य में भाजपा को एकजुट करने और कांग्रेस सरकार को हटाने के लिए नियुक्त किया गया था. उनका कहना है कि बीजेपी मोदी के नाम पर चुनाव लड़ेगी.

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नई दिल्ली: चित्तौड़गढ़ के सांसद सी.पी. जोशी, जिन्होंने 23 मार्च को राजस्थान भाजपा प्रमुख के रूप में सतीश पुनिया की जगह ली थी, अपने पूर्व इस पद पर रहने वालों ने जो गलतियां कीं उसे दूर करने का प्रयास कर रहे हैं जैसे- वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को अलग-थलग करना, और गुटबाजी और आपसी कलह से ग्रस्त राज्य इकाई में खुद को एक वैकल्पिक शक्ति केंद्र बनाना इत्यादि.

दिप्रिंट से बातचीत में उन्होंने बताया, “मैं एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता हूं और भाजपा में मुझसे वरिष्ठ अन्य नेता हैं. मेरा कर्तव्य सभी नेताओं को अशोक गहलोत (मुख्यमंत्री) से लड़ने के लिए एक मंच पर लाना है. मुझे पार्टी चलाने के लिए उनसे मार्गदर्शन लेना होगा, और मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि हर कोई एकजुट होकर चले.’

बीजेपी के कई नेताओं के मुताबिक, चुनावी साल में राज्य प्रमुखों को बदलने के पीछे का मकसद पार्टी इकाई में एकता लाना था.

जोशी ने 27 मार्च को जयपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं को अपने पहले संबोधन में इसी संदेश पर जोर दिया. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, “मैं एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता हूं और मुझे एक जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन उस जिम्मेदारी को पूरा करने और भाजपा को सत्ता में लाने के लिए मुझे आपके समर्थन की जरूरत है.”

उन्होंने आगे उनसे कहा कि वे उनके नाम पर नारे न लगाएं, न ही खुद के बैनर और पोस्टर चिपकाएं. “यदि आप मुझे जीवित देखना चाहते हैं, तो आज के बाद मेरे नाम पर नारे मत लगाइए. भारत माता और पीएम नरेंद्र मोदी के नारे लगाएं, और पीएम और केंद्र सरकार के काम के होर्डिंग लगाएं,”.

राजे के साथ मनमुटाव के बीच, जोशी इस रविवार को “उनका मार्गदर्शन लेने के लिए” जयपुर में उनके आवास पर गए और राज्य के अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं जैसे अरुण चतुर्वेदी, अशोक परनामी और राजे के वफादार हरिशंकर भाभदा से भी मुलाकात की.

अपने सामने चुनौती के बारे में विस्तार से बताते हुए जोशी ने दिप्रिंट को बताया, ‘बीजेपी में व्यक्ति काम नहीं करता है, लेकिन संगठन काम करता है.’

उन्होंने कहा, जबरदस्त राजनीतिक अनुभव रखने वाले वरिष्ठ साथियों के मार्गदर्शन और भाजपा के लाखों कार्यकर्ताओं के सहयोग से हम राजस्थान में भाजपा की सरकार बनाने का लक्ष्य हासिल कर लेंगे.

दिप्रिंट से बात करने वाले बीजेपी नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि जोशी को पुनिया के विपरीत पार्टी में एक “तटस्थ चेहरे” के रूप में देखा जाता था, और “राजस्थान में पार्टी के सभी गुटों और विशेष रूप से राजे को स्वीकार्य थे”.

पूर्व मुख्यमंत्री को रिझाने के लिए भाजपा ने रविवार को वसुंधरा राजे के वफादार और चूरू विधायक राजेंद्र राठौड़ को विपक्ष का नेता नियुक्त किया. इस बीच, पुनिया को उनका डिप्टी बनाया गया.


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बीजेपी के एक नेता ने दिप्रिंट को बताया, ‘पार्टी आलाकमान ने नवनिर्वाचित नेताओं से व्यक्तिगत रूप से राजे से मुलाकात करने के लिए कहा है.’

भाजपा के राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह ने भी सप्ताह के अंत में राजे के साथ अलग-अलग बैठकें कीं ताकि “उनके दिमाग को भांप सकें और आगामी चुनावों के लिए अभियान पर चर्चा कर सकें.”

आलाकमान के इस कदम के बदले में राजे का भी सकारात्मक कदम देखा जा सकता है. उन्होंने नियुक्ति के बाद अपने विश्वसनीय सहयोगी यूनुस खान को जोशी से मिलने के लिए भेजा, जबकि उनके खेमे के अन्य नेताओं को पिछले तीन दिनों में जोशी के साथ बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लेते देखा गया है. ऐसा कभी भी पुनिया के साथ उन्होंने नहीं किया.

“सतीश पुनिया को हटाकर और एक तटस्थ व्यक्ति को राजस्थान इकाई का अध्यक्ष नियुक्त करके, पार्टी ने अपनी रणनीति बदल दी है क्योंकि वह वसुंधरा राजे को खुश रखना चाहती है. पार्टी ने महसूस किया कि उन्हें साथ में लिए बिना राजस्थान जीतना मुश्किल होगा क्योंकि वह लोकप्रिय हैं और उनका अपना जनाधार है.’

सूत्र ने कहा, “राजे खेमा आलाकमान के सकारात्मक पहल के प्रति खुद सकारात्मक तरीके से जवाब दे रहा है, लेकिन वह चुनाव अभियान के प्रमुखों और प्रबंधन समितियों के नाम का इंतजार करेंगी.”

टिकट वितरण चुनाव अभियान समिति के प्रमुख के प्रमुख कार्यों में से एक होगा, और राजे के “समर्थक उनकी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं”.

‘अधूरे वादे कांग्रेस की नाक में दम कर देंगे’

दिप्रिंट से बात करते हुए, जोशी ने अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा, यह तर्क देते हुए कि “सीएम के कृषि ऋण माफी, युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ता और बिजली शुल्क माफ करने के अधूरे वादे उनकी पार्टी के लिए ताबूत में कील साबित होंगे”.

उन्होंने आरोप लगाया, “युवाओं और किसानों को धोखा दिया गया. अपराध के आंकड़ों पर नजर डालें तो कांग्रेस के राज में राजस्थान में अपराध में भारी तेजी आई है. तुष्टीकरण की राजनीति आदर्श बन गई है.”

“राजस्थान अपने समरसतापूर्ण समाज के लिए जाना जाता था, लेकिन गहलोत सरकार के तहत धार्मिक त्योहारों और समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.”

उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा की हाल ही में समाप्त हुई ‘जन आक्रोश यात्रा’ में लोगों का गुस्सा साफ दिखाई दे रहा है. जोशी ने कहा, “रैली किसी भी विपक्षी पार्टी के लिए एक मॉडल बन गई है. गांव-गांव और कस्बे में लाखों राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने आम लोगों के मुद्दों को उठाने के लिए भाग लिया और लोगों की भागीदारी के कारण ऐसा विरोध हुआ. यह हिट हो गई.”

राजस्थान में मोदी होंगे पार्टी का चेहरा

जोशी ने दिप्रिंट को बताया कि बीजेपी राजस्थान का चुनाव पीएम मोदी के नाम पर लड़ेगी क्योंकि वो पार्टी के सबसे लोकप्रिय चेहरे हैं.

उन्होंन कहा, “हमारे पास दुनिया में सबसे लोकप्रिय चेहरा है – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. किसी भी पार्टी के पास ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसने अपने काम से लोगों के बीच विश्वास स्थापित करने के लिए अथक प्रयास किया हो और हमें ऐसा लोकप्रिय चेहरा पाकर गर्व महसूस होता है.”

उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार “दुनिया में सबसे लोकप्रिय” थी, जबकि कांग्रेस गिरावट पर थी, और आरोप लगाया कि “गहलोत राजस्थान में अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए मोदी पर हमला कर रहे थे”.

नौ साल तक मोदी सरकार ने किसानों, गरीबों, युवाओं और बुजुर्गों के लिए काम किया है. कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लाभार्थियों तक पहुंचाने का प्रयास किया है, चाहे वह प्रधानमंत्री आवास योजना हो, या जन धन योजना हो, या प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना हो. जोशी पिछले 60 सालों में जो काम कांग्रेस नहीं कर पाई वो मोदी सरकार ने 9 साल में कर दिखाया है. यह मैं नहीं कह रहा- राजस्थान के लोग कह रहे हैं.’

जोशी के अनुसार, मोदी “जनता के कारण नेता बने” और “कांग्रेस को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि लोगों ने देश को अपमानित करने के बजाय पार्टी को क्यों खारिज कर दिया और क्यों जमीन खो दी”.

जोशी ने राजस्थान इकाई में सभी को साथ नहीं लेने के आरोपों पर भी पुनिया का बचाव करते हुए कहा कि पूर्व राज्य प्रमुख ने भाजपा के विस्तार के लिए अच्छा काम किया “लेकिन मैं वरिष्ठ नेताओं के साथ समन्वय के साथ और काम करूंगा”.

“सतीश पूनिया ने अच्छा काम किया. उन्होंने पार्टी का विस्तार किया और पूरे राज्य में प्रवास (दौरा) किया जो किसी अन्य राज्य इकाई प्रमुख ने पहले नहीं किया है. मैं उनका काम जारी रखूंगा और सभी को साथ लेकर काम करूंगा.’ मैं माताओं, किसानों और नौजवानों के साथ हुए विश्वासघात का बदला लूंगा और आने वाले दिनों में जनता की आवाज बनूंगा.

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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