दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद ही राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाना कोई आश्चर्य की बात नहीं है. एक लंबी कानूनी, राजनीतिक लड़ाई उनका इंतजार कर रही है. यह उनके लिए खुद को फिर से मजबूत करने और नेतृत्व क्षमता साबित करने का अवसर है. विपक्ष की एकता ऑपटिक्स के लिए अच्छा है लेकिन इसकी स्थायित्व का अंदाजा सभी को है.