नई दिल्ली: अमेरिकी सेना द्वारा खुफिया जानकारी साझा करने के कारण भारत पिछले साल हिमालय के ऊंचाई वाले सीमा क्षेत्र में चीनी सैन्य घुसपैठ को पीछे हटाने में कामयाब रहा. यह जानकारी अमेरिकी अखबार यूएस न्यूज़ एंड वर्ल्ड रिपोर्ट ने दी है. रिपोर्ट के अनुसार, एक ऐसी कार्रवाई जिससे चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पीछे हट गई उससे वह नाराज हो गया. रिपोर्ट में आगे लिखा है कि इसने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को अपनी सीमाओं के साथ जमीन हड़पने के अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है.
उधर, व्हाइट हाउस ने इस खबर की पुष्टि करने से इंकार कर दिया.
व्हाइट हाउस में रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक जॉन किर्बी ने खबर के बारे में पूछे जाने पर यहां एक दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘नहीं, मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता.’
‘यूएस न्यूज’ ने एक विशेष खबर में दावा किया था, ‘अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र में अमेरिकी खुफिया समीक्षा (जिसे जारी नहीं किया गया) की रिपोर्ट की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि अमेरिकी सरकार ने पहली बार अपने भारतीय समकक्षों को चीन की स्थिति और सुरक्षा बल की ताकत के बारे में वास्तविक समय का विवरण प्रदान किया.’
रिपोर्ट के अनुसार, ‘सूचना में कार्रवाई योग्य उपग्रह की तस्वीरें शामिल थीं और इसमें अधिक विस्तृत जानकारी दी गई थी. अमेरिकी सेना ने इससे पहले कभी इतनी तेजी से ऐसी जानकारी भारतीय सेना के साथ साझा नहीं की थी.’
खबर में एक सूत्र के हवाले से कहा गया, ‘वे इंतजार कर रहे थे. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अमेरिका ने भारत को इसकी तैयारी के लिए सब कुछ दिया था. यह दर्शाता है कि दोनों सेनाएं अब कितनी सफलता से सहयोग कर रही हैं और खुफिया जानकारी साझा कर रही हैं.’
भाषा के इनपुट के साथ
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