नई दिल्ली: आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में राजनीति जन लोकपाल के नाम पर शुरू की थी. इस आंदोलन के केंद्र में कांग्रेस थी, जिसे लेकर केजरीवाल का मानना था कि वह देश को बर्बाद कर रही है. अब जब केजरीवाल राजनीति के खेल के मंझे खिलाड़ी हो चुके है तो लोकपाल को भूल गए और अपनी बच्चों की कसम तोड़कर कांग्रेस का दामन थामने को भी पूरी तरह से तैयार हैं.
अब जब लोकसभा चुनाव सिर पर है तब एकबार फिर आप पार्टी पूर्ण राज्य के दर्जा दिए जाने की मांग दोहराने लगी है, लेकिन पुराना रिकार्ड खंगाले तो लगता है कि उनका तात्कालिक स्वार्थ दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर आप को काबिज करना है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि केंद्र सरकार अपने पूरे कार्यकाल के दौरान लोकपाल को नियुक्त नहीं कर पाई और केजरीवाल इसके खिलाफ सक्रिय लड़ाई भी नहीं लड़ी.
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को फिर पूर्ण राज्य की बात को चुनावी मद्दा बताते हुए कहा है कि यह लोकसभा चुनाव दिल्ली के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस बार दिल्लीवासी पूर्ण राज्य के लिए वोट करेंगे. 70 साल से सभी पार्टियां दिल्ली और दिल्लीवासियों का शोषण कर रही है. देश में मुंबई के बाद दिल्ली के लोग डेढ़ लाख करोड़ रुपए अपना टैक्स केंद्र सरकार को देते है.
गोवा की आबादी दिल्ली की आबादी से कम है. इसके बावजूद केंद्र सरकार गोवा को 3200 करोड़ और दिल्ली को केवल 325 करोड़ रुपए ही देती है. सीएम केजरीवाल ने कहा कि इस चुनाव में हमारा मुद्दा दिल्ली में महिलाएं सुरक्षित नहीं है. गलियों में शराब मिल रही है. गुंडागर्दी बढ़ गई है.
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली पुलिस सीएम की भी नहीं सुनती है. हमारे पास दिल्ली पुलिस को लेकर कोई अधिकार नहीं है. इन मामले को लेकर हम पीएम और गृहमंत्री के पास जाते हैं तो वह भी इस पर ध्यान नहीं देते है. दिल्ली पूर्ण राज्य बनता है तो हम कानून व्यवस्था ठीक करेंगे.
दिल्ली में रोज़गार को बढ़ाएंगे. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने चार वर्ष पहले दिल्ली में यूनिर्वसिटी खोलने का प्रस्ताव दिया था. जो अभी तक मंज़ूर नहीं हुआ है. पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने से कई विश्वविद्यालय खुलेंगे. सीलिंग की परेशानी दूर होगी. केजरीवाल ने दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा अभी झूठे वादे कर रही थी. अब मनोज तिवारी कह रहे हैं कि वह पूर्ण राज्य के पक्ष में नहीं हैं.
पंजाब में टकसाली नेताओं से बातचीत जारी
पंजाब लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर केजरीवाल ने कहा कि पार्टी से लोकसभा सांसद भगवंत मान गठबंधन को लेकर टकसाली नेताओं से बातचीत कर रहे है. अभी बातचीत जारी है, लेकिन अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है.
देश बचे इसलिए हम गठबंधन चाहते थे
आप पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के हाथ न मिलाने पर साफ किया कि महागठबंधन के नेताओं की शरद पवार के घर हुई बैठक में ही राहुल गांधी ने महागठबंधन करने के लिए मना कर दिया था. वहीं दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित के बयान जो समाचार पत्रों और टेलीविज़न पर आ रहे है. उससे ही साफ हो गया है वह लोग गठबंधन नही चाहते है.
गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि मोदी और अमित शाह के झूठ को लोग समझ चुके है. हम देश को बचाना चाहते तभी हम दूसरी पार्टियों से गठबंधन करना चाहते थे. भविष्य में गठबंधन को लेकर कांग्रेस क्या चाहती है हम नहीं बता सकते है. हम सातों सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ेगे.
आंतरिक सर्वे में पाया आप दिल्ली में आप सबसे आगे
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा कि हमने कुछ महीने पहले दिल्ली में एक सर्वे करवाया. इसमें सामने आया कि हमारी पार्टी ने जो दिल्ली में काम किया है उसे दिल्लीवासियों ने पसंद किया है. हमने सर्वे में पाया कि भारत और पाक के मुद्दे पर भाजपा को नुकसान हो रहा है.