चेन्नई/जयपुर: अभिनेत्री एवं राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य खुशबू सुंदर ने कहा है कि जब वह आठ साल की थीं, तब उनके पिता ने उनका यौन उत्पीड़न किया था और यह उनके लिए ‘सबसे मुश्किल’ परिस्थिति थी.
खुशबू ने हाल में जयपुर में ‘मोजो स्टोरी’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘वी द वुमन’ में कहा कि जब वह 15 साल की थीं, तब उन्होंने अपने पिता के खिलाफ बगावत करना शुरू कर दिया. इसके बाद, उनके पिता ने परिवार को बेसहारा छोड़ दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘जो सबसे मुश्किल चीज मुझे लंबे समय तक परेशान करती रही, जिसे भूल नहीं सकती, माफ नहीं करूंगी, लेकिन उसे पीछे छोड़ कर आगे बढ़ूंगी, वह मेरे बचपन में मेरे पिता द्वारा किया गया यौन उत्पीड़न है. जब एक बच्ची/बच्चे का यौन उत्पीड़न किया जाता है, तब यह उसे जीवन भर कचोटता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी मां का दाम्पत्य जीवन सर्वाधिक उत्पीड़न वाला रहा, एक व्यक्ति जो अपनी पत्नी, बच्चों को पीटता था, उसने अपनी इकलौती बेटी का यौन उत्पीड़न किया. उसका यह सोचना था कि एक पुरुष होने के नाते ऐसा करना उसका अधिकार है. और जब मेरा उत्पीड़न शुरू हुआ, तब मैं महज आठ साल की थी और मैं 15 वर्ष की होने पर उनके खिलाफ बोलने का साहस जुटा पाई.’’
खुशबू ने याद किया, ‘‘15 वर्ष की आयु की होने पर मैंने सोचा कि बस, अब बहुत हो चुका और जब मैंने बगावत करना शुरू कर दिया… तब उन्होंने हमें हमारे हाल पर छोड़ दिया, सचमुच में हमें बेसहारा छोड़ दिया. हम नहीं जानते थे कि दो वक्त का भोजन हमें कहां से मिलने वाला है….’’
उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि वह अपने पिता के खिलाफ खड़ी हुईं क्योंकि ‘‘यदि वह परिवार में रहते तो मैं इतने आगे तक नहीं पहुंच पाती.’’
अभिनेत्री ने कहा, ‘‘मैं यदि घर में पुरूष से लड़ सकती थी, तो मैं दुनिया का मुकाबला भी बहुत आसानी से कर सकती हूं.’’
तमिल सिनेमा में 1990 के दशक में राज करने वाली खुशबू बाद में राजनीति में आ गईं. उन्होंने दक्षिण भारतीय सिनेमा के रजनीकांत और कमल हासन जैसे शीर्ष अभिनेताओं के साथ काम किया था. वह कांग्रेस छोड़ने के बाद 2020 में भाजपा में शामिल हो गईं.
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