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Thursday, 21 November, 2024
होमदेशलैंड फॉर जॉब मामले में राबड़ी देवी के पटना आवास पर CBI की रेड, पूछताछ जारी

लैंड फॉर जॉब मामले में राबड़ी देवी के पटना आवास पर CBI की रेड, पूछताछ जारी

सीबीआई ने कहा, "जांच के दौरान, यह पाया गया कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और केंद्रीय रेलवे के सीपीओ के साथ मिलकर जमीन के बदले साजिश रची."

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नई दिल्लीः बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के घर पर पटना में सीबीआई का छापा पड़ा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अधिकारी राबड़ी देवी से आईआरसीटीसी स्कैम के संबंध में पूछताछ कर रहे हैं. राबड़ी देवी के ऊपर जमीन के बदले रेलवे में नौकरी दिलाने का आरोप है.

उनके घर के बाहर भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. सीबीआई की यह रेड कोर्ट द्वारा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और उनके पति लालू प्रसाद यादव व उनके खुद के खिलाफ आईआरसीटीसी स्कैम केस में समन जारी किए जाने के एक हफ्ते बाद की गई है.

सीबीआई ने कहा, “जांच के दौरान, यह पाया गया कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और केंद्रीय रेलवे के सीपीओ के साथ मिलकर जमीन के बदले साजिश रची. यह भूमि मार्केट रेट की तुलना में काफी कम कीमत पर ली गई.”

इस बारे में बिहार की पूर्व डिप्टी सीएम रेनू देवी ने कहा कि दूध का दूध और पानी का पानी होता है अगल कुछ होगा तो निकलेगा. सीबीआई स्वायत्त संस्था है वह किसी के ऊपर भी काम कर सकती है.

इस मामले में पहले भी एक बार पूछताछ हो चुकी है. पिछले हफ्ते सोमवार को दिल्ली की एक कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी सहित 14 लोगों को नौकरी के बदले जमीन मामले में समन जारी किया था. उस वक्त राबड़ी देवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हम कहीं भागने वाले नहीं हैं. हम इस तरह के आरोपों का सामना पिछले 30 सालों से कर रहे हैं. बीजेपी लालू प्रसाद यादव से बिहार में डरी हुई है. पीएम मोदी सभी को भागने में मदद कर रहे हैं. उन्होंने नीरव मोदी को करोड़ों लेकर भागने में मदद की.

सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में राबड़ी देवी, लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी.

कथित घोटाला तब हुआ जब यादव 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री थे. चार्जशीट में राजद नेता के अलावा तत्कालीन रेलवे महाप्रबंधक का नाम भी शामिल है.

इस मामले में पहले दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि 2004 से 2009 तक, विभिन्न व्यक्तियों को जमीन के बदले में विभिन्न रेलवे जोन में ग्रुप डी पदों पर सब्सटीट्यूट के रूप में नियुक्त किया गया था और बाद में उन्हें रेग्युलर कर दिया गया था.


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