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Friday, 22 November, 2024
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मैनेजमेंट कोर्स का प्लेसमेंट 21-22 में 5 साल के शीर्ष स्तर पर पहुंचा, वेतन में भी हो रही है बढ़ोतरी

एआईसीटीई के आंकड़े बताते हैं कि 2021-2022 में 1,20,946 छात्रों को प्रबंधन के क्षेत्र में नौकरियों के प्रस्ताव मिले, जिसमें इसके पिछले वर्ष महामारी के कारण काफी गिरावट नजर आई थी. प्लेसमेंट के प्रतिशत में भी पिछले कुछ वर्षों में सुधार हुआ है.

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नई दिल्ली: अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, महामारी के दौरान गिरावट का दौर देखने के बाद अब 2021-2022 में मैनेजमेंट कोर्सेज में प्लेसमेंट पांच साल के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया.

अब तक अपनी प्लेसमेंट रिपोर्ट जारी करने वाले संस्थानों के आंकड़ों को देखते हुए 2023 में भी वृद्धि का यह रुझान जारी रहने की उम्मीद है.

डेटा दर्शाता है कि एआईसीटीई से संबद्ध प्रबंधन संस्थानों में प्लेसमेंट का आंकड़ा 2017-2018 में 1,06,541 था, जो कि 2018-2019 में बढ़कर 1,15,850 और फिर 2019-2020 में 1,19,877 हो गया. 2020-2021 की कोविड महामारी के दौरान प्लेसमेंट पाने वाले छात्रों का आंकड़ा घटकर 1,09,099 रह गया, लेकिन इसके अगले वर्ष इसमें तेजी दिखी है.

2021-2022 में 1,20,946 छात्रों को प्रबंधन क्षेत्र में नौकरियां मिलने के साथ प्लेसमेंट का आंकड़ा पांच साल के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया. डेटा में पीजी डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (पीजीडीएम) और मास्टर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) दोनों पाठ्यक्रमों के बाद प्लेसमेंट को शामिल किया गया है.

Graphic showing increase in management placements
चित्रण: दिप्रिंट टीम

स्नातक करने वाले कुल छात्रों की तुलना में प्लेसमेंट पाने वाले छात्रों का प्रतिशत भी पिछले कुछ वर्षों में सुधरा है.

2017-18 में प्लेसमेंट प्रतिशत 59 फीसदी था, जो 2018-19 में 61.8 फीसदी और फिर 2021-22 में 83 प्रतिशत हो गया.

विशेषज्ञों ने इस उछाल को उन कंपनियों से जोड़ा है जो अपने यहां भर्ती के तरीके बदल रही हैं, खासकर कोविड के बाद और अनुमान है कि यह ट्रेंड शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के समग्र प्लेसमेंट के आंकड़ों में भी नजर आएगा.

भारतीय विद्या भवन के एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (एसपीजेआईएमआर) में कैरियर सेवाओं के निदेशक भीष्म चुगानी ने कहा, ‘कोविड के दौरान, तमाम बड़े-छोटे व्यवसायों को अपने काम करने के तरीके में बदलाव के लिए मजबूर होना पड़ा. वैश्विक स्तर पर इन व्यावसायिक परियोजनाओं के लिए पिछले दो-तीन वर्षों में एमबीए की भर्ती में वृद्धि हुई है.’

उन्होंने कहा, ‘कई बिजनेस स्कूलों में प्लेसमेंट का आंकड़ा इस साल भी बढ़ा है, वहीं कुछ स्कूलों में प्लेसमेंट में थोड़ी गिरावट देखी जा रही है.’

बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (बिमटेक) में सेंटर फॉर कॉरपोरेट रिलेशंस के चेयरपर्सन और फैकल्टी मेंबर, ऑपरेशंस एंड डिसीजन साइंस राजीव शर्मा ने कहा कि कोविड के बाद प्लेसमेंट के दौरान दिए जाने वाले औसत वार्षिक वेतन पैकेज में भी लगातार वृद्धि हो रही है.

बिमटेक के प्लेसमेंट के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि 2019-21 के पीजीडीएम बैच में 2018-20 बैच के वेतन पैकेज की तुलना में औसतन 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी. इसी तरह, 2020-22 के बैच में पिछले बैच की तुलना में औसत वेतन में 18 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि 2021-2023 बैच में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.


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बैंकिंग, कंसल्टिंग, आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा नौकरियां

शर्मा के मुताबिक, सेक्टर-वार प्लेसमेंट की बात करें तो पिछले दो चक्र की भर्ती के दौरान कंसल्टिंग के क्षेत्र में नौकरियों के प्रस्ताव में खासी वृद्धि दिखी है, जो अभी लगभग 20-25 प्रतिशत का योगदान देता है. हालांकि, पूर्व-कोविड चरण के दौरान यह आंकड़ा 7-10 प्रतिशत था.

उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में अधिकांश प्लेसमेंट—लगभग 60 से 70 प्रतिशत—बैंकिंग और वित्त, आईटी और कंसल्टिंग क्षेत्रों में हुए हैं.

हैदराबाद के जीआईटीएम स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रबंधन के डीन अमित भद्रा ने कहा कि 2022 में प्लेसमेंट अच्छे थे, लेकिन 2023 में और भी बेहतर स्थिति नजर आ रही है.

प्रबंधन शिक्षा में ओवरऑल प्लेसमेंट के संदर्भ में टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, ‘चूंकि अधिक से अधिक व्यवसाय कर्मचारियों की भर्ती के लिए बिजनेस स्कूलों की ओर रुख कर रहे हैं, एक नया ट्रेंड उभरने लगा है. जैसे-जैसे समय बदल रहा है, नियोक्ता बिजनेस स्कूलों में प्रदान की जाने वाली विशेषज्ञता को अहमियत देने लगे हैं.’

भद्रा ने कहा कि इस साल प्लेसमेंट ‘काफी बेहतर’ रहा है, हालांकि संस्थानों के स्तर पर इसमें कुछ भिन्नता हो सकती है.

उन्होंने कहा, ‘हमारे संस्थान में, पिछले साल औसत वेतन 6 लाख रुपये प्रति वर्ष के करीब था, जबकि इस वर्ष औसत वेतन 7.2 लाख रुपये रहा है. हैदराबाद में, यह 8 लाख रुपये से थोड़ा अधिक है. एक बार सभी छात्रों के प्लेसमेंट हो जाने के बाद यह संख्या बदल सकती है, क्योंकि कुछ छात्रों को अंत में प्लेसमेंट मिलता है. अब तक यही ट्रेंड रहा है.’

भद्रा ने दावा किया कि संस्थान को इस साल 100 फीसदी प्लेसमेंट होने का पूरा भरोसा है.

उन्होंने कहा, ‘नौकरी चाहने वाले सभी लोगों को इस साल अवसर मिलेगी. जो कंपनियां हमारे कैंपस में आई हैं, उनमें से कम से कम 30 फीसदी पहले नहीं आई हैं. विविधता उत्कृष्ट रही है.’

यह उन आंकड़ों में भी नजर आता है जो कुछ प्रबंधन संस्थानों ने अपनी अब तक की प्लेसमेंट रिपोर्ट में साझा किए हैं.

एसबीजेआईएमआर ने पिछले महीने जारी एक रिपोर्ट में कहा कि 2023 के पीजीडीएम बैच के लिए औसत वेतन में 9.3 फीसदी की वृद्धि हुई है.

भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) कोझिकोड ने शुक्रवार को एक प्रेस रिलीज में बताया कि प्लेसमेंट पिछले साल की तुलना में बेहतर है और 100 प्रतिशत प्लेसमेंट दर्ज किया गया है.

रिलीज के मुताबिक, ‘प्रस्तावों के टॉप 5 पर्सेंटाइल के लिए औसतन 62.04 लाख रुपये प्रति वर्ष की पेशकश की गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8 प्रतिशत अधिक है और शीर्ष 10 पर्सेंटाइल के लिए यह आंकड़ा औसतन 55.2 लाख रुपये प्रति वर्ष है, जो पिछले साल की तुलना में चार प्रतिशत अधिक है.’

(अनुवाद: रावी द्विवेदी | संपादन: ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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