जम्मू: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने रविवार को भाजपा पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि पार्टी का मकसद राष्ट्र निर्माण नहीं, बल्कि भारत को एक ‘बीजेपी राष्ट्र’ बनाना है. उन्होंने कहा कि 26 करोड़ लोग जो यूपीए के शासन में गरीबी रेखा से ऊपर आए थे, उन्हें फिर से गरीबी रेखा के नीचे धकेल दिया है.
पीडीपी प्रमुख ने आरोप लगाया कि बीजेपी जम्मू एंड कश्मीर को अपनी ‘प्रयोगशाला’ मानती है, जहां वह ‘प्रयोग’ करती है. उन्होंने आरोप लगाया कि हिंदू भाजपा के शासन में गरीब हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘बीजेपी ने रेलवे, एयरपोर्ट और बैंको समेत पूरे देश को बेच दिया है. यह राष्ट्रवाद नहीं है. वे केवल हिंदू-मुस्लिम की बात करते हैं.
यूपीए सरकार के दौरान 26 करोड़ लोग गरीब रेखा से ऊपर उठे थे, बीजेपी ने उन्हें फिर बीपीएल कटेगरी में धकेल दिया है, क्या वे सभी मुस्लिम हैं? जम्मू-कश्मीर में नशीले पदार्थों के खतरे से क्या केवल मुस्लिम पीड़ित हैं?’
मुफ्ती ने कहा, ‘जम्मू एंड कश्मीर एक प्रयोगशाला है. यहां प्रयोग किया जा रहा है. यहां प्रैक्टिकल होता है फिर उसे पूरे देश में कार्यान्वित किया जाता है. मैं जम्मू के लोगों से कहना चाहती हूं, अगर वे आपको यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि वे मुसलमानों के पीछे पड़े हैं, तो आपको इन सपनों से बाहर आना चाहिए. वे आपको बताते हैं कि वे राष्ट्र निर्माण करना चाहते हैं. वे कोई राष्ट्र नहीं बनाना चाहते वे बीजेपी राष्ट्र बनाना चाहते हैं.’
जेके में ध्वस्तीकरण अभियान का हवाला देते हुए पीडीपी प्रमुख ने कहा कि इन घरों में केवल मुस्लिम के घर नहीं, हिंदुओं के घर भी गिराए गए हैं.
मुफ्ती ने कहा, ‘ध्वस्तीकरण अभियान के तहत गिराए गए घरों में केवल मुस्लिम शामिल हैं? उन्होंने 80 करोड़ लोगों को इतना गरीब बना दिया है कि उन्हें मुफ्त में 5 किलो चावल देना पड़ रहा है. ये केवल मुस्लिम हैं? ये हिंदू हैं जो गरीब हुए हैं. वंचित लोग और अधिक गरीब हो गए हैं जो चावल खरीदने में सक्षम नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘जो उनके खिलाफ होंगे, उनकी हालत मुसलमानों से भी बदतर कर दी जाएगी. मैं जम्मू के लोगों को संदेश देना चाहती हूं कि जागो और चेतो.’
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी ने जम्मू की डेमोग्राफी ‘बदल दी’ है. मुफ्ती ने पूछा के क्षेत्र के उच्च पदों को डोगरा लोगों से क्यों नहीं भरे जाते?
उन्होंने पूछा, ‘जम्मू की डेमोग्राफी बदल गई है. डोगरा कहा हैं? हमारे राज्यपाल (एलजी) डोगरा समुदाय से क्यों नहीं है? वे डीजी और एसपी पदों के लिए महत्वपूर्ण क्यों नहीं है?
पूर्व मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज अब्दुल नज़ीर के आंध्र प्रदेश के जज नियुक्त किए जाने पर भी टिप्पणी की और पूछा, ‘न्यायपालिका कहा हैं?’
उन्होंने पूछा, ‘सुप्रीम कोर्ट की हालत क्या है? अयोध्या, ट्रिपल तलाक, नोटबंदी पर फैसला देने वाले जज जैसे ही रिटायर हुए उन्हें राज्यपाल, राज्यसभा का सदस्य या उन्हें कुछ दूसरे पद दिए गए. न्यायपालिका कहां है?’
जस्टिस नज़ीर 4 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट से जज के तौर पर रिटायर हुए, जो कि कई लैंडमार्क जजमेंट का हिस्सा रहे, जिसमें ट्रिपल तलाक, अयोध्या-बाबरी मस्जिद विवाद मामला, नोटबंदी और ‘निजता के अधिकार’ जैसे फैसले शामिल हैं.
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