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Friday, 22 November, 2024
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‘SDM, लेखपाल, पुलिस ने घर में आग लगाई’, कानपुर में अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान मां-बेटी की मौत पर आरोप

प्रशासन मामले में एफआईर दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. लेखपाल और एसडीएम को सस्पेंड कर दिया गया है.

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नई दिल्ली: कानपुर के मदौली गांव में 13 फरवरी को प्रशासन द्वारा चलाए गाए अतिक्रमण अभियान के दौरान घर में आग लगने से मां-बेटी की मौत हो गई. पीड़ित परिवार ने प्रशासन पर घर में आग लगाने की बात कही है. इसको लेकर यूपी की राजनीति भी गरमा गई है. समाजवादी पार्टी ने अपने 11 सदस्यों को गांव भेजकर पीड़िता परिवार से मिलने की बात कही है.

प्रशासन मामले में एफआईर दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. लेखपाल और एसडीएम को सस्पेंड कर दिया गया है.

पीड़ित शिवम दीक्षित ने कहा कि, ‘एसडीएम, लेखपाल और पुलिस और कुछ बदमाशों ने मेरे घर में आग लगाई जिससे मेरी मां और बहन की मौत हो गई. मैंने उन्हें बचाने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हुआ. मुख्यमंत्री से यहां आने और उनसे न्याय की मांग करते हैं.’

कानपुर के कमिश्नर डॉ. राज शेखर ने कहा कि, ‘मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. हम आरोपियों को दबोचने का प्रयास कर रहे हैं. लेखपाल और एसडीएम को सस्पेंड कर दिया गया है.’

वहीं यूपी के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने ध्वस्तीकरण अभियान के दौरान मां-बेटी के जलने से मौत पर कहा कि, ‘दोषी पाए जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. मामले में जांच कमेटी बना दी गई है जो आज रिपोर्ट सौंपेगी.’

समाजवादी पार्टी मौके पर भेज रही है डेलिगेशन

मामले को लेकर उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी समाजवादी पार्टी भी सक्रिय हो गई है. पार्टी 11 सदस्यों को मौके पर भेजे जाने के लिए उनके नाम को आधिकारिक तौर पर जारी किया है. जिसमें कहा गया है, ‘समाजवादी पार्टी का 11 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल आज कानपुर देहात के मदौली गांव जाएगा, और मृतक मां-बेटी के परिजनों से मिलेगा, जिनकी ध्वस्तीकरण अभियान के दौरान आग से जलकर मौत हो गई है.

समाजवादी पार्टी की मीडिया सेल ने एक वीडियो ट्वीट किया है. जिसमें लिखा है, ‘मृतक का बेटा नाम लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को दोषी ठहरा रहा है. आप लोग हत्या, हत्या की साजिश, वसूली, धमकाने जैसी संगीन धाराओं में दोषी इन सभी अधिकारियों पर मुकदमा करके कब जेल भेजेंगे? जबसे नए कमिश्नर आए हैं नोएडा जैसी वसूली और जमीन के धंधों में जुटे हैं?’

वहीं इससे पहले सेल ने वीडियो और राख हुए घर की तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट कर प्रशासन पर सवाल खड़ा किया है. लिखा है, ‘इस घटना में ब्राह्मण कृष्ण गोपाल दीक्षित की पत्नी प्रमिला व पुत्री नेहा की जलकर मौके पर ही मौत हो गई और कृष्ण गोपाल दीक्षित अधजली अवस्था में हैं घंटों बीत जाने के बाद भी फायर ब्रिगेड व जिला प्रशासन का कोई व्यक्ति मौके पर नहीं पहुंचा शव जले पड़े हैं, ग्रामीणों में भारी आक्रोश है.’

‘योगी जी आपके जल्लाद और बेरहम तथा अमानवीय प्रशासन द्वारा की गई ये हत्या है योगी सरकार में लगातार ब्राह्मण परिवार निशाना बनाए जा रहे लगातार चुन चुन कर ब्राह्मणों के साथ घटनाएं घटित हो रहीं. दलित पिछड़ा के साथ साथ ब्राह्मण भी भाजपा शासित योगी सरकार के अत्याचार का निशाना बन रहे.’

गौरतलब है कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं वहां अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर, असम, उत्तर प्रदेश समेत राज्यों ये अभियान चल रहा है और लोग इसका जमकर विरोध कर रहे हैं.


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