नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के दो नए जजो को पद की शपथ दिलाई, जिससे शीर्ष अदालत में जजो की कुल संख्या बढ़कर 34 हो गई है. करीब नौ महीने से सुप्रीम कोर्ट में जजों के ये पद खाली थे.
देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस अरविंद कुमार की नियुक्ति के वारंट पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार सुबह 10.30 बजे शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया था.
शुक्रवार को कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्विटर पर सुप्रीम कोर्ट में नई नियुक्तियों की घोषणा की थी.
उन्होंने लिखा भारत के संविधान के तहत प्रावधानों के अनुसार भारत के माननीय राष्ट्रपति ने दो हाई कोर्ट के मुख्य जजो को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है. उन्हें मेरी शुभकामनाएं.
As per the provisions under the Constitution of India, Hon’ble President of India has appointed the following Chief Justices of High Courts as Judges of the Supreme Court. My best to them.
1.Rajesh Bindal, Chief Justice, Allahabad HC.
2.Aravind Kumar, Chief Justice, Gujarat HC— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) February 10, 2023
यह भी पढे़ंः स्मैक और ‘सॉल्यूशन’ का जमकर सेवन कर रहे हैं दिल्ली के बेघर बच्चे, उनके लिए यह दर्द से मिलने वाली पनाह
इलाहाबाद से बिंदल, गुजरात से कुमार
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने से पहले न्यायमूर्ति बिंदल इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे जबकि न्यायमूर्ति कुमार गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे.
जस्टिस बिंदल ने अक्टूबर, 2021 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में कार्यभार संभाला था. उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की थी और 1985 में उन्होंने पंजाब और हरियाणा के हाई कोर्ट से अपना करियर शुरू किया. बिंदल को मार्च, 2006 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जज के रूप में प्रमोट किया गया था. इलाहाबाद हाई कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार, जस्टिस बिंदल ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान लगभग 80,000 मामलों का निपटारा किया है.
इस साल अप्रैल में 62 साल के होने के बाद जस्टिस बिंदल को पद छोड़ना था, हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में उनके प्रमोशन के कारण अब उनका कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ गया है.
हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के रिटायरमेंट होने की आयु 62 वर्ष है जबकि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश 65 वर्ष में रिटायर होते हैं.
वहीं, जस्टिस कुमार ने एक वकील के रूप में अपने करियर की शुरुआत 1987 में की थी. इन्हें 2005 में भारत के सहायक सॉलिसिटर जनरल के रूप में नियुक्त किया गया था. 2009 को कर्नाटक हाई कोर्ट के अतिरिक्त जज के रूप में इन्हें प्रमोट किया गया था. इसके बाद दिसंबर, 2012 को स्थायी जज के रूप में प्रमोट किया गया था. वह अक्टूबर, 2021 से गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य जज के रूप में काम किया.
जस्टिस कुमार इस वर्ष 61 साल के हो जाएंगे.
SC जजो की कुल संख्या बढ़कर 34 हुई
दो जजो की नियुक्ति के साथ ही शीर्ष अदालत में जजो की कुल संख्या बढ़कर 34 हो गई है.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा 31 जनवरी को शीर्ष अदालत के जजो के रूप में प्रमोशन के लिए उनके नामों की सिफारिश की गई थी.
पिछले हफ्ते, पांच जजो ने अपने प्रमोशन के बाद सुप्रीम कोर्ट के जजो के रूप में शपथ ली थी.
यह भी पढ़ें: राज्यसभा 13 मार्च तक स्थगित, अडाणी मामले को लेकर विपक्ष का जोरदार हंगामा, BJP बोली- ‘माफी मांगो’