scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशयुद्ध स्मारक से मोदी के हमले पर कांग्रेस बोली, सेना के कार्यक्रम से राजनीति शर्मनाक

युद्ध स्मारक से मोदी के हमले पर कांग्रेस बोली, सेना के कार्यक्रम से राजनीति शर्मनाक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में इंडिया गेट के नजदीक बने नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया और अपनी सरकार में सेना के लिए किये गये कार्यों को गिनाया.

Text Size:

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में इंडिया गेट के नजदीक बने नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया. उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जवानों को नमन किया और अपनी सरकार में सेना के लिए किये गये कार्यों को गिनाया. उन्होंने इस दौरान कांग्रेस पर हमला बोला. जिसके जवाब में कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक ट्वीट में इसे शर्मनाक बताया.

नेशनल वॉर मेमोरियल के उद्घाटन पर मोदी ने सेना की तारीफ करते हुए कहा कि आप सभी भूतपूर्व नहीं, अभूतपूर्व हैं, क्योंकि आप जैसे लाखों सैनिकों के शौर्य और समर्पण के कारण ही आज हमारी सेना की गिनती दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में होती है.

उन्होंने कहा कि हमारी सेना दुनिया की सबसे बड़ी ताकत में से एक है. दुश्मन का हमला हो या प्राकृतिक संकट उसने पहला वॉर अपने ऊपर लिया है. उन्होंने कहा कि सैनिकों के लिए जब लता मंगेसकर ने स्वर दिए तो करोड़ों की आंखें नम हो गईं थीं. उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक स्थान पर मैं, पुलवामा में शहीद हुए वीर सपूतों, भारत की रक्षा में सर्वस्व न्यौछावर करने वाले हर बलिदानी को नमन करता हूं. राष्ट्र रक्षा के सभी मोर्चों पर, मुश्किल परिस्थितियों में डटे हर वीर-वीरांगना को भी नमन करता हूं.

पीएम ने कहा कि नेशनल वॉर स्मारक की मांग कई दशक से निरंतर हो रही थी. बीते दशकों में एक-दो बार प्रयास हुए, लेकिन कुछ ठोस हो नहीं पाय. आपके आशीर्वाद से साल 2014 में हमने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू की और आज तय समय से पहले ही इसका लोकार्पण हो रहा है.

उन्होंने कहा कि नया भारत आज नई रीति और नई नीति से आगे बढ़ रहा है, मजबूती के साथ विश्व पटल पर अपनी भूमिका तय कर रहा है, इसमें एक बड़ा योगदान आपके शौर्य और समर्पण का है. देश की सेना का मनोबल, देश की सुरक्षा तय करता है. इसलिए हमारे सभी प्रयासों में हमारी सोच और हमारी एप्रोच का केंद्रबिंदु हैं हमारे सैनिक, हमारे फौजी भाई.

भारतीय सेना की शक्ति को आज वैश्विक पटल पर सम्मान भी दिया जा रहा है. भारतीय सेना एक ऐसी सेना है, जो शांति की स्थापना के लिए हथियार उठाती है. सेना और देश की सुरक्षा को उन लोगों ने अपनी कमाई का साधन बना लिया था. शायद शहीदों को याद करके उन्हें कुछ मिल नहीं सकता था, इसलिए उन्हें भुलाना ही उन्हें आसान लगा.

सेना के लिए अपने कार्यों को गिनाते हुए कहा साल 2009 में सेना ने 1 लाख 86 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट्स की मांग की थी, लेकिन सेना के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट्स नहीं खरीदी गईं. हमारी सरकार ने बीते साढ़े चार वर्षों में 2 लाख 30 हजार से ज्यादा बुलेट प्रूफ जैकेट्स खरीदे हैं. देश की सेना को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोशिश कर रहे हैं. हम रक्षा उत्पादन को लेकर पारदर्शिता ला रहे हैं. रक्षा सामानों की खरीद में हमने बड़े बदलाव किये हैं, अब निजी क्षेत्र से भी हथियार खरीदना आसान हो गया है.

उन्होंने कहा कि बोफोर्स से लेकर हेलीकॉप्टर तक, सारी जांच का एक ही परिवार तक पहुंचना, बहुत कुछ कह जाता है. अब यही लोग पूरी ताकत लगा रहे हैं कि भारत में राफेल विमान न आ पाए. उन्होंने राफेल विवाद पर बोलते हुए कहा कि अगले कुछ महीनों में जब देश का पहला राफेल, भारत के आसमान में उड़ान भरेगा, तो खुद ही इनकी सारी कोशिशों को, साजिशों को ध्वस्त कर देगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार देश की सेना को मजबूत करने के लिए उसे अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट, हेलीकाप्टर, पनडुब्बियों, जहाज और अन्य हथियारों से युक्त कर रही है.

उन्होंने सवाल किया कि वो कौन सी वजहें थीं, जिसकी वजह से किसी का ध्यान अभी तक शहीदों के लिए स्मारक पर नहीं गया. इंडिया फर्स्ट और फैमिली फर्स्ट का जो अंतर है, वही इसका जवाब है. स्कूल से लेकर अस्पताल तक, हाईवे से लेकर एयरपोर्ट तक हर जगह एक ही परिवार का नाम जुड़ा रहता था.

मोदी महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इस देश की सभ्यता, संस्कृति और इतिहास सबसे ऊपर है. मोदी याद रहे न रहे, परंतु इस देश के करोड़ों लोगों की तपस्या, समर्पण, वीरता और उनकी शौर्य गाथा अजर-अमर रहनी चाहिए.

 

share & View comments