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Monday, 4 November, 2024
होमदेश'एक डॉक्यूमेंट्री देश को कैसे प्रभावित कर सकती है', BBC पर बैन लगाने वाले याचिका को SC ने किया खारिज

‘एक डॉक्यूमेंट्री देश को कैसे प्रभावित कर सकती है’, BBC पर बैन लगाने वाले याचिका को SC ने किया खारिज

यह याचिका हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित करने के मद्देनजर दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नामक डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) और बीबीसी इंडिया पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग वाली जनहित याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया.

यह याचिका हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित करने के मद्देनजर दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.

जस्टिस संजीव खन्ना और एमएम सुंदरश की बेंच ने याचिका को ‘बिल्कुल गलत’ कहते हुए इसे खारिज कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने बीबीसी पर प्रतिबंध लगाने की हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता की याचिका को खारिज करते हुए सवाल किया कि ‘एक डॉक्यूमेंट्री देश को कैसे प्रभावित कर सकती है.’

याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाली वरिष्ठ वकील पिंकी आनंद ने तर्क दिया कि बीबीसी ‘जानबूझकर’ भारत की छवि खराब कर रहा है.’ उन्होंने डॉक्यूमेंट्री के पीछे की साजिश की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की भी मांग की.

2002 के गुजरात दंगों के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पीएम मोदी के कार्यकाल पर यूके के ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) ने दो पार्ट में सीरीज लॉन्च की थी, जिसके खिलाफ विरोध होने के बाद इसे चुनिंदा प्लेटफार्मों से हटा दिया गया था.

सूत्रों के अनुसार, 21 जनवरी को, केंद्र ने विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे.

केंद्र सरकार ने डॉक्यूमेंट्री को भ्रामक मानते हुए इस पर बैन लगा दिया था. इस प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी और बीबीसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की गयी.

बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर देश भर के कईं विश्वविद्यालयों में छात्र संगठन ने लगातार हंगामा किया था.

जेएनयू और आंबेडकर यूनिवर्सिटी में स्क्रीनिंग से पहले प्रशासन ने बिजली काट दी थी. मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने स्क्रीनिंग की अनुमति देने से इनकार किया था. हैदराबाद यूनिवर्सिटी में डॉक्यूमेंट्री के विरोध में ‘द कश्मीर फाइल्स’ की स्क्रीनिंग की गई थी. केरल में कांग्रेस ने स्क्रीनिंग का आयोजन किया था और कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में भी छात्रों ने प्रदर्शन किया था.


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