नई दिल्ली: भारत में बनी ‘एजरीकेयर’ आईड्रोप के इस्तेमाल से कथित तौर पर अमेरिका में लोगों की आंखों की रोशनी चले जाने और आंखों के नुकसान पहुंचाए जाने के 55 मामले सामने आने के बाद से अमेरिकी नियामक फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इसे नहीं खरीदने की चेतावनी दी है. साथ ही कंपनी ने इस उत्पाद को बाज़ार में बेचे जाने पर भी रोक लगा दी है.
घटना का पता लगते ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और तमिलनाडु राज्य औषधि नियंत्रक ने आईड्रॉप का निर्माण करने वाली फार्मा फर्म की जांच शुरू कर दी.
सीडीएससीओ और टीएन स्टेट ड्रग कंट्रोलर की टीमें, जिनमें तीन अधिकारी शामिल हैं, चेन्नई के पास स्थित मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में जांच कर रही हैं. यह एक कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है जो दूसरों के जरिए अमेरिकी बाज़ार में सप्लाई करता है और यह विशिष्ट दवा भारत में नहीं बेची जाती है.
बता दें कि एफडीए ने ग्लोबल फार्मा प्राइवेट हेल्थकेयर लिमिटेड द्वारा निर्मित उत्पादों के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएसएफडीए) ने एक बयान में कहा कि चेन्नई स्थित कंपनी इजरीकेयर, एलएलसी और डेलसैम फार्मा द्वारा उपभोक्ता स्तर पर वितरित की जा रही ‘आर्टिफिशियल टियर्स ल्यूब्रीकैंट’ आईड्रॉप को संभावित खामी के चलते वापस ले रही है.
बयान में कहा गया है कि आज की तारीख तक, आंखों में संक्रमण, स्थायी रूप से आंखों की रोशनी चले जाने और ब्लड इंफेक्शन से एक व्यक्ति की मौत होने सहित आंखों को नुकसान पहुंचने के 55 मामले सामने आ चुके हैं.
बता दें कि ‘आर्टिफिशियल टियर्स ल्यूब्रीकैंट’ आईड्रॉप का इस्तेमाल आंखों में जलन होने या आंखों के शुष्क हो जाने पर किया जाता है.
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) दावा किया, “31 जनवरी, 2023 तक, सीडीसी ने 12 राज्यों में संक्रमण वाले 55 रोगियों की पहचान की जिन्हें आईड्रॉप के कारण परेशानियां हो रही थी.”
सीडीसी ने उपभोक्ताओं को आईड्रॉप का उपयोग बंद करने की अनुरोध करते हुए एक चेतावनी जारी की है.
कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, इस उत्पाद के वितरकों अरु फार्मा इंक और डेलसैम फार्मा को इसकी सूचना दी है तथा अनुरोध किया जाता है कि थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता और ग्राहक,जिनके पास भी यह (वापस लिया जा रहा) उत्पाद है वे इसका उपयोग बंद कर दें.
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