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Thursday, 21 November, 2024
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SBI ने अडाणी ग्रुप को दिया 27,000 करोड़ का कर्ज, J&K बैंक बोला ‘कर्ज सुरक्षित, निवेशक न करें चिंता’

RBI ने सभी घरेलू बैंकों से अडाणी समूह की कंपनियों को दिए गए लोन की रिपोर्ट मांगी थी और सीएलएसए ने कहा था कि अडाणी समूह के कुल ऋण में भारतीय बैंक फंडिंग का हिस्सा 40 प्रतिशत से कम है.

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नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि अडाणी ग्रुप की कंपनियों को उसने करीब 27,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया है जो कुल वितरित ऋणों का सिर्फ 0.88 प्रतिशत है.

एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि अडाणी समूह की प्रोजेक्ट्स को कर्ज देते समय भौतिक संपत्तियों एवं समुचित नकदी प्रवाह को ध्यान में रखा गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस समूह का बकाया कर्ज चुकाने का रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है.

इसी बीच जम्मू एंड कश्मीर (जेके) बैंक ने शुक्रवार को कहा है कि अडाणी समूह को दिया गया उसका कर्ज सुरक्षित है और बैंक के निवेशकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है.

जेके बैंक के उप महाप्रबंधक निशिकांत शर्मा ने कहा, “अडाणी समूह को दिया गया हमारा ऋण बैंक द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं के प्रति सुरक्षित है.”

बता दें कि बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी घरेलू बैंकों से अडाणी समूह की कंपनियों को दिए गए लोन की रिपोर्ट मांगी थी और सीएलएसए ने कहा था कि अडाणी समूह के कुल ऋण में भारतीय बैंक फंडिंग का हिस्सा 40 प्रतिशत से कम है.

जिसके बाद अडाणी ने गुरुवार को निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा था कि “एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिलने के बाद कल उसे वापस लेने के फैसले से कई लोगों को हैरानी हुई होगी, लेकिन कल बाजार में आए उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड को लगता है कि एफपीओ को जारी रखना नैतिक रूप से सही नहीं होगा.”

जनहित याचिका में आरोप

सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के नाथन एंडरसन और भारत तथा अमेरिका में उसके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई है.

इस जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन लोगों ने अडाणी के शेयरों को “आर्टिफीसियल रूप से गिराने” की साजिश रची, जिसका मकसद कथित रूप से निर्दोष निवेशकों का शोषण करना था.

हिंडनबर्ग एक शॉर्ट सेलर फर्म है, जो उधार लिए गए शेयरों को इस उम्मीद से बेचती है कि निचले स्तर पर वह शेयरों को फिर खरीद लेगी. जान इसकी कीमतें गिरती हैं, तो शॉर्ट सेलर्स को फायदा होता है.

अधिवक्ता एम एल शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका में शॉर्ट सेलिंग को निवेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी घोषित करने और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है.

जनहित याचिका में एफआईआर दर्ज करने, शॉर्ट सेलर्स के कारोबार की वसूली और भारत के नागरिकों की सुरक्षा के लिए शॉर्ट सेलर पर मुकदमा चलाने की अपील की गई है.

‘अडाणी एंटरप्राइजेज’ ने बुधवार रात को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की थी. कंपनी ने कहा था कि लगातार चल रहे असाधारण हालात को देखते हुए और शेयर बाजार में मौजूदा उतार-चढ़ाव को देखते हुए कंपनी निवेशकों के हित को सुरक्षित रखने के लिए ये कदम उठा रही है.


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