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Friday, 17 May, 2024
होमदेशअर्थजगतअडाणी ग्रुप ने चौंकाया- 20,000 Cr ₹ का FPO रद्द किया तो कांग्रेस बोली- ‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस’

अडाणी ग्रुप ने चौंकाया- 20,000 Cr ₹ का FPO रद्द किया तो कांग्रेस बोली- ‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस’

गौतम अडाणी ने बुधवार को निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि बाजार में आए उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड को लगता है कि एफपीओ को जारी रखना नैतिक रूप से सही नहीं होगा.

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नई दिल्ली: ‘अडाणी एंटरप्राइजेज’ ने बुधवार रात को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की. कंपनी ने कहा कि लगातार चल रहे असाधारण हालात को देखते हुए और शेयर बाजार में मौजूदा इतार -चढ़ाव को देखते हुए कंपनी निवेशकों के हित को सुरक्षित रखने के लिए ये कदम उठा रही है.

वहीं दूसरी तरफ भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी घरेलू बैंकों से अडाणी समूह की कंपनियों को दिए गए लोन की रिपोर्ट मांगी है. पिछले हफ्ते, सीएलएसए ने कहा था कि अडाणी समूह के कुल ऋण में भारतीय बैंक फंडिंग का हिस्सा 40 प्रतिशत से कम है.

अडाणी ने गुरुवार को निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिलने के बाद कल उसे वापस लेने के फैसले से कई लोगों को हैरानी हुई होगी, लेकिन कल बाजार में आए उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड को लगता है कि एफपीओ को जारी रखना नैतिक रूप से सही नहीं होगा.’

उन्होंने कहा, ‘हमारा बही-खाता सही और परिसम्पत्तियां मजबूत हैं. हमारा ‘एबिटा’ का स्तर और नकदी प्रवाह काफी मजबूत रहा है और ऋण चुकाने का हमारा रिकॉर्ड बेदाग है. हम लंबी अवधि के मूल्य निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे और विकास कार्य आंतरिक संसाधनों द्वारा किए जाएंगे.’

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‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस’

इसी बीच अडाणी एंटरप्राइजेज पर कटाक्ष करते हुए गुरुवार को जयराम रमेश ने कहा कि अडाणी का नैतिक रूप से सही होने की बात करना वैसे ही है जैसे उनके ‘प्रधान मेंटर’ द्वारा विनम्रता, सादगी और विशाल हृदयता के सद्गुणों का उपदेश देना है.

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि यह ‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस’ है.

‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की पिछले हफ्ते आई रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है.

गिरावट का यह सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा. पिछले पांच कारोबारी सत्रों में समूहों की कंपनियों का सामूहिक बाजार पूंजीकरण सात लाख करोड़ रुपये घट गया है.

अडाणी ने कहा कि बाजार के स्थिर होने के बाद हम पूंजी बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘हमारा ध्यान ‘ईएसजी’ (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) पर अधिक रहेगा और हमारा हर व्यापार जिम्मेदाराना तरीके से बढ़ता रहेगा. हमारे कामकाजी तरीकों को सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय साझेदारों ने स्वीकृत किया है, जो हमारी वैश्विक संस्थाओं से जुड़े हैं.’


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