तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि मादक पदार्थों के इस्तेमाल और इससे संबंधित मौतों के मामले केवल केरल में ही नहीं बढ़े हैं, बल्कि पूरे देश में यही स्थिति है. उन्होंने सुझावा दिया कि सरकारों को मादक पदार्थ के खतरों से निपटने के लिए अंधाधुंध तरीके से पान मसाला की तरह हर चीज पर प्रतिबंध लगाने की जगह बड़े लोगों को निशाना बनाना चाहिए.
केरल के पूर्व जेल महानिदेशक ऋषि राज सिंह की पुस्तक ‘बीफोर इट इज टू लेट’ के विमोचन के बाद थरूर ने कहा कि मादक पदार्थों के इस्तेमाल के संबंध में दर्ज किए गए मामले केरल में पिछले तीन साल में तीन गुना हो गए.
उन्होंने दावा किया कि इसी अवधि में केरल में मादक पदार्थों से होने वाली मौतों की संख्या चार गुना हो गई है. थरूर ने कहा कि पान मसाले की तरह हर चीज पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना कोई उपाय नहीं है.
थरूर ने कहा, ‘यदि हर चीज प्रतिबंधित की जाती है, तो हर चीज वर्जित होने के साथ आपराधिक सुख का स्रोत बन जाएगी. देश के ज्यादातर राज्यों में पान मसाला वैध है, लेकिन केरल में प्रतिबंधित है. क्यों? हमें पान मसाले पर प्रतिबंध क्यों लगाना चाहिए? यदि अधिक मात्रा में इस्तेमाल किया गया तो इससे मुंह का कैंसर हो सकता है, लेकिन इस बारे में माता-पिता या परिवार के लोग बच्चों को सलाह दे सकते हैं कि इसका इस्तेमाल नहीं करें.’
कांग्रेस सांसद ने कहा कि चीजों पर अंधाधुंध प्रतिबंध लगाए जाने से कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अवैध कृत्यों को दूर कर पाना असंभव हो गया है.
थरूर ने कहा, ‘बाजार में अधिक से अधिक खतरनाक दवाएं आ रही हैं. चिकित्सकों के पर्चे पर मिलने वाली दवाएं बिना पर्चे के बच्चों को बेची जा रही हैं. रासायनिक रूप से निर्मित ये दवाएं बच्चों में मादक पदार्थ से ज्यादा जहर पहुंचा रही हैं और ये आसानी से उपलब्ध भी हैं.’
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