नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को आईसीआईसीआई बैंक के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सह-आरोपी वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार कर लिया.
वेणुगोपाल धूत को मुंबई से गिरफ्तार किया गया है. कुछ दिन पहले सीबीआई ने उससे पूछताछ भी की थी.
CBI arrests Videocon chairman Venugopal Dhoot in ICICI Bank money laundering case
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सीबीआई ने 23 दिसंबर को चंदा कोचर और दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. दंपति को आज (26 दिसंबर) तक सीबीआई की हिरासत में रहना है.
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ-एमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को एक सह-आरोपी ने नूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल) का स्वामित्व प्राप्त करने और अवैध धन प्राप्त करने में मदद की थी.
वीडियोकॉन ग्रुप पर उधारदाताओं के एक संघ द्वारा 40,000 करोड़ रुपये के ऋण का आरोप है. जिसके जांच के लिए सीबीआई ने मार्च 2018 में दीपक कोचर और धूत के खिलाफ प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी.
एजेंसी ने चंदा, उनके पति और वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ उनकी कंपनियों जैसे नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
शुरुआती जांच के दौरान, सीबीआई ने पाया कि वीडियोकॉन ग्रुप और उससे जुड़ी कंपनियों को जून 2009 और अक्टूबर 2011 के बीच आईसीआईसीआई बैंक की निर्धारित नीतियों के उल्लंघन में 1,875 करोड़ रुपये के छह ऋण स्वीकृत किए गए थे, जो जांच का हिस्सा हैं.
एजेंसी ने कहा है कि कर्ज को 2012 में गैर-निष्पादित संपत्ति घोषित किया गया था, जिससे बैंक को 1,730 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल ट्रान्सफर की. पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था.
एजेंसी ने शुक्रवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) और सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को कथित आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया.
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