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Friday, 15 November, 2024
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‘ब्राह्मण भारत छोड़ो,’ JNU में फिर विवाद, दीवारों पर लिखा: ब्राह्मण-बनिया, हम आ रहे हैं! बदला लेंगे

इस बीच, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड ग्रीवेंस कमेटी को मामले की जांच कर जल्द से जल्द वाइस चांसलर संतश्री डी पंडित को रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

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नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के कैंपस की कई दीवारों पर गुरुवार को ब्राह्मण विरोधी नारे लिखे हुइ दिखे. खबरों के मुताबिक, कैंपस में तोड़-फोड़ की गई और दीवारों पर ‘ब्राह्मण कैंपस छोड़ो’, ‘ब्राह्मण भारत छोड़ो’ और ‘ब्राह्मण-बनिया, हम बदला लेंगे, जैसे नारे लिखे हुए दिखे.

छात्रों ने दावा किया कि स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज- II की बिल्डिंग की दीवारों पर ब्राह्मण और बनिया समुदायों के खिलाफ नारे लिखे गए और दीवारों पर भी तोड़-फोड़ की गयी.

इस बीच, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड ग्रीवेंस कमेटी को मामले की जांच कर जल्द से जल्द वाइस चांसलर संतश्री डी पंडित को रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

कैंपस की दीवारों पर ‘ब्राह्मण कैंपस छोड़ो’, ‘वहां खून होगा’, ‘ब्राह्मण भारत छोड़ो’ और ‘ब्राह्मण-बनिया, हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं!, हम बदला लेंगे, जैसे नारे लिखे हुए मिले.

घटना के कुछ घंटे बाद प्रशासन ने बयान जारी कर कहा कि ‘ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि जेएनयू सबका है.’

बयान में कहा गया है, ‘वाईस चांसलर, प्रोफेसर संतश्री डी पंडित ने एसआईएस, जेएनयू में कुछ अज्ञात तत्वों द्वारा दीवारों और फैकल्टी के कमरों को विकृत करने की घटना को गंभीरता से लिया है. प्रशासन कैंपस में की गई ऐसे हरकत की कड़ी निंदा करता है.’

‘डीन, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड शिकायत कमेटी को जल्द से जल्द पूछताछ करने और वीसी को एक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है. जेएनयू सबको साथ लेकर चलने और समानता के लिए खड़ा है. वीसी कैंपस में किसी भी तरह की हिंसा को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.’

आरएसएस से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने वामपंथियों पर ऐसी हरकत करने का आरोप लगाया.

एबीवीपी जेएनयू के अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, कम्युनिस्ट गुंडों द्वारा शैक्षणिक संस्थानों में बड़े पैमाने पर की गई तोड़-फोड़ की निंदा करता है. कम्युनिस्टों ने जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-II के भवन की दीवारों पर गालियां लिख दी हैं.’

कुमार ने कहा, ‘हमारा मानना ​​है कि शैक्षणिक जगहों का इस्तेमाल बहस और चर्चा के लिए होना चाहिए, न कि समाज और छात्रों के समुदाय में ज़हर घोलने के लिए.’

जेएनयू के शिक्षकों के एक ग्रुप ने भी इस तोड़फोड़ की निंदा करते हुए एक ट्वीट पोस्ट किया और इसके लिए ‘लेफ्ट लिबरल गैंग’ को जिम्मेदार ठहराया.

जेएनयू कैंपस में इससे पहले भी कई बार एबीवीपी और लेफ्ट विंग के बीच झड़प होती रही है.

इसी साल जनवरी में कुछ नकाबपोश लोगों ने देर शाम कैंपस में घुसकर तोड़-फोड़ और हंगामा किया था. नकाबपोशों ने छात्रों पर रॉड और डंडों से हमला किया जिससे कैंपस में कई छात्र बुरी तरह घायल हुए. इस घटना के बाद अमित शाह ने पुलिस को कड़ी जांच के आदेश दिए. प्रियंका गांधी ने घायल छात्रों से मुलाकात की.

अप्रैल में राम नवमी की पूजा के बाद लेफ्ट विंग और एबीवीपी के छात्रों के बीच झड़प हो गयी. जिसके बाद एबीवीपी ने गेट पर प्रदर्शन किया और लेफ्ट विंग पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया था. इस घटना में कई छात्र घायल हुए थे.

जेएनयू के कावेरी छात्रावास के मेस में रामनवमी के अवसर पर मांसाहार परोसने को लेकर विद्यार्थियों के दो गुटों में झड़प हो गयी थी. पुलिस के अनुसार इस झड़प में छह विद्यार्थी घायल हो गये थे. AISA के छात्रों ने ABVP कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था.


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