इस्लामाबाद, 19 नवंबर (भाषा) पाकिस्तान की वित्त राज्यमंत्री ने कहा है कि अब देश के सामने देनदारियों में चूक का कोई खतरा नहीं है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया था कि नकदी संकट से जूझ रहे देश के समक्ष चूक का संकट है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ सात अरब डॉलर के कर्ज कार्यक्रम की नौंवी समीक्षा को लेकर औपचारिक वार्ता में विलंब हो रहा है।
डॉन अखबार की खबर के मुताबिक वित्त एवं राजस्व राज्यमंत्री आईशा घॉस पाशा ने शुक्रवार को नेशनल एसेंबली में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ऐसी कोई आशंका नहीं है। जब सत्ता हमारे हाथ में आई थी (अप्रैल में) तब हमें चिंता सता रही थी क्योंकि तब आईएमएफ कार्यक्रम निलंबित था और बाहर से वित्त जुटाने के रास्ते बंद थे।’’
पाशा ने दावा किया कि सरकार ने कुछ कठिन फैसले लिए और आईएमएफ कार्यक्रम को पुनर्जीवित किया जिसके बाद हालात बेहतर हुए हैं। उन्होंने कहा कि आईएमएफ कार्यक्रम के निलंबित होने के कारण देश अन्य बहुपक्षीय एवं द्विपक्षीय एजेंसियों के साथ-साथ वाणिज्यिक बाजारों से भी अपनी बाहरी जरूरतों के लिए वित्त नहीं जुटा पा रहा था।
उन्होंने कहा कि आईएमएफ कार्यक्रम की सातवीं और आठवीं समीक्षा सफल होने के बाद अब पाकिस्तान पर चूक का खतरा नहीं है। राज्यमंत्री ने दावा किया कि देश का निर्यात बेहतर हुआ है, विदेशों में बसे पाकिस्तानी धन भेज रहे हैं तथा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में भी सुधार आया है।
भाषा मानसी पाण्डेय
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