नई दिल्ली: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन (सीओपी-27) में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने कि अगर पूरी दुनिया का उत्सर्जन भारत के प्रत्येक व्यक्ति स्तर के समान होता तो कोई जलवायु संकट नहीं होता.
उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘सीओपी-27 सम्मलेन में जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण शासन, पर्यावरणीय प्रभाव आकलन, प्रदूषण और अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा की गयी.’
Also, discussed furthering cooperation in areas of climate change, environmental governance, environmental impact assessment, pollution and waste management.
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) November 17, 2022
सीओपी-27 के इतर ‘छोटे द्वीपीय विकासशील राष्ट्रों (एसआईडीएस) में लचीले बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहन’ विषय पर आयोजित सत्र में भूपेंद्र यादव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की छठी आकलन रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि तापमान बढ़ने की जिम्मेदारी कार्बन डाइऑक्साइड के संचयी उत्सर्जन में योगदान के सीधे आनुपातिक है.
उन्होंने कहा कि कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन जब भी होते हैं, तापमान बढ़ने में वे समान रूप से योगदान करते हैं.
यादव ने कहा, ‘प्रत्येक व्यक्ति उत्सर्जन को ध्यान में रखते हुए तुलनात्मक तौर पर भारत का उत्सर्जन आज भी, वैश्विक औसत का लगभग एक तिहाई है. अगर पूरी दुनिया भारत के हर व्यक्ति की तरह उत्सर्जन करती है तो विज्ञान के मुताबिक कोई जलवायु संकट नहीं होगा.’
भूपेंद्र यादव ने कहा कि आईपीसीसी रिपोर्ट और अन्य सभी रिपोर्ट भी दिखाती हैं कि भारत उन देशों में शामिल है जहां जलवायु परिवर्तन के प्रति बेहद खतरे हैं इसलिए यह द्वीपीय राष्ट्रों और अन्य की स्थिति के प्रति बहुत मायने रखती है.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मिस्र में सीओपी27 सम्मलेन के मौके पर नामीबिया के पर्यावरण आयुक्त टिमोटियस मुफ्ती से मुलाकात की और उन्हें नामीबिया से भारत में 8 चीतों के पहले बैच को लाने में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया.
Met with Namibia Environmental Commissioner Mr Timoteus Mufeti on the sidelines of COP27 in Egypt.
Thanked him for the cooperation in transporting the first batch of 8 cheetahs from Namibia to India. pic.twitter.com/UWrWzp9fLs
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) November 17, 2022
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने सीओपी27 के मौके पर यूएनएफसीसीसी (UNFCCC) पवेलियन में आयोजित स्मॉल आइलैंड डेवलपिंग स्टेट्स (एसआईडीएस) में लचीले बुनियादी ढांचे में तेजी लाने पर एक सत्र को भी संबोधित किया.’
Addressed a session on Accelerating Resilient Infrastructure in Small Island Developing States (SIDS) held at the UNFCCC Pavilion on the sidelines of COP27 today.
Presented the IRIS vision and announced the first ‘Call for Proposals’ for the rollout of projects under IRIS. pic.twitter.com/wYscCUpAeS
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) November 17, 2022
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