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Friday, 22 November, 2024
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40 साल बाद परिवार की तलाश में निकली भारतीय महिला- अजमेर से हुई अगवा, कराची में बेची गई थी

महिला को अपने भारत के घर का पता तो याद नहीं है, लेकिन कोलकाता के हावड़ा स्टेशन, राजा बाजार, मौलाली मजार और अटली मार्केट जैसी जगहें याद हैं.

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40 साल पहले, 16 साल की एक लड़की को राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह से अगवा करके पाकिस्तान के कराची ले जाया गया था. अब पाकिस्तान के खानेवाल में उसका बेटा रहता है जो भारत में उसके परिवार को ढूंढ़ने में मदद कर रहा है.

कराची के एक सोशल मीडिया यूजर वलीउल्लाह मारूफ ने 4 नवंबर को अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें बताया गया कि कैसे महिला अब भारत में अपने परिवार को ढूंढ़ रही है. मारूफ कराची में एक इमाम हैं जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर, पाकिस्तान में बिछड़ी महिलाओं को पड़ोसी देशों में अपने परिवारों से मिलने में मदद करते हैं. उन्होंने कहा कि वह अब तक ऐसी 40 से अधिक महिलाओं की मदद कर चुके हैं.

महिला के 26 साल के बेटे ने दिप्रिंट को उसकी पाकिस्तानी पहचान पत्र दिखाया, जिसके अनुसार वह 52 साल की है और पाकिस्तान के खानेवाल में रहती है. हालांकि, उसकी उम्र सिर्फ ऐसी कुछ बातों पर आधारित है जो उसने अपने पाकिस्तानी परिवार को बताया है क्योंकि उसे अपने भारतीय परिवार के सदस्यों के नाम और भारत के कुछ जगह के अलावा कुछ भी याद नहीं है.


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अजमेर शरीफ से हुई अगवा

उसके बेटे ने कहा, ‘मेरी मां ने हमें बताया कि अजमेर शरीफ दरगाह पर किसी ने उन्हें यह कहकर बुलाया कि उनके पिता उन्हें बुला रहे हैं. फिर उसका अपहरण करके उसे कराची ले जाया गया.’

उसे अपने मां-बाप मुहम्मद शरीफ़ और रशीदा खातून, दादा शेख मुहम्मद अमीर, भाई मुहम्मद फ़िरोज़, मुहम्मद सिराज, मुहम्मद शेराज़, शम्सुद्दीन और कमरुद्दीन, बहन फरीदा खातून, चाचा मुहम्मद असलम व मुहम्मद करीम के नाम याद हैं.

महिला को अपने घर का पता तो याद नहीं है, लेकिन हावड़ा स्टेशन, राजा बाजार, मौलाली मजार और अटली बाजार जैसी जगह याद है – ये सभी जगह कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हैं. उसे एक मुस्लिम इलाके में रहना भी याद है और उसने अपने बेटे को दिल्ली के बारे में भी बताया है. उसके बेटे ने बताय कि उसे अपनी मातृभाषा याद नहीं है और वो पंजाबी बोलती है, जो खानेवाल में बोली जाती है. महिला को याद है कि उसके पिता जेम सिनेमा नाम के एक मूवी हॉल में काम करते थे और उसके परिवार के पास एक कार भी थी.

उसके बेटे ने कहा, ‘वह छोटे सूरा और इस्लामी शब्दों को पढ़ लेती है.’


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पाकिस्तान में जिंदगी

उसके बेटे के मुताबिक अपहरण के बाद पाकिस्तान में महिला का जीवन गरीबी में ही रहा है. उसने आगे कहा कि मुहम्मद सुल्तान नाम के एक आदमी को बेचने से पहले उसकी मां को कुछ महीनों तक, कराची में मानव तस्करी की गईं बाकि औरतों के साथ रखा गया था. उस आदमी ने उससे शादी कर लिया और उनके आठ बच्चे थे, जिनमें से दो की मृत्यु हो गई. अब औरत के तीन बेटे और तीन बेटियां हैं.

दिप्रिंट को खानेवाल से फोन पर, उनके दूसरे बड़े बेटे ने बताया, ‘मेरी मां को मेरे पिता को बेच दिया गया था, जिन्होंने शायद 1981 में उससे शादी की थी. मेरे पिता मजदूरी का काम करते थे और पिछले साल उनकी मौत हो गयी. हम छह भाई-बहन हैं. जब से हम बच्चे थे, मेरी मां हमें कहानियां सुनाती आई हैं कि कैसे उनका अपहरण करके उन्हें पाकिस्तान लाया गया.

उनके बेटे को समझ नहीं आ रहा था कि भारत में अपनी मां के परिवार को कैसे ढूंढ़ा जाए, लेकिन उन्होंने कहा कि उनके परिवार ने ‘लगभग 10 साल पहले भारत सरकार को डाक के माध्यम से एक चिट्ठी लिखी थी, जिसका कोई जवाब नहीं आया. इसके बाद उन्हें वलीउल्लाह मारूफ के फेसबुक अकाउंट का पता चला, जिसने सोशल मीडिया के जरिये कराची की 65 साल की हमीदा बानो को उसकी बेटी यास्मीन से बात करने में मदद की थी.

शाहरुख ने कहा, ‘मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूं की मेरी मां को उसके परिवार से मिलने में मदद करे. उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब उन्होंने सोशल मीडिया का इस्तेमाल भारत में अपने परिवार को खोजने के लिए किया. उन्होंने फेसबुक पर वलीउल्लाह मरूफ से संपर्क किया और अपनी कहानी बताई जिसके बाद उन्होंने यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें यूजर्स से महिला को उसके भारत के परिवार से मिलाने में मदद करने की अपील की गई.

मारूफ ने कहा कि उन्हें भारत में महिला के घर और परिवार के बारे में कोई उपयोगी जानकारी नहीं मिली है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करे)


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