मोरबी (गुजरात), दो नवंबर (भाषा) गुजरात के मोरबी शहर में केबल पुल टूटने की घटना के मामले में गिरफ्तार किए गए नौ लोगों में से एक ओरेवा समूह के प्रबंधक ने एक स्थानीय अदालत से राहत का अनुरोध करते हुए कहा कि यह हादसा एक ‘ईश्वरीय कृत्य’ है। अभियोजन पक्ष ने बुधवार को यह जानकारी दी।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एम जे खान ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से ओरेवा समूह के दो प्रबंधकों और दो उप-ठेकेदारों समेत चार व्यक्तियों को मंगलवार को पांच नवंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया था। अन्य पांच आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था।
गुजरात के मोरबी शहर में गत रविवार को मच्छु नदी पर ब्रिटिश काल का केबल पुल टूटने की घटना में अभी तक महिलाओं और बच्चों समेत कुल 135 व्यक्तियों की मौत होने की पुष्टि हुई है।
लोक अभियोजक एच. एस. पांचाल ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मंगलवार को हिरासत अर्जी पर जिरह के दौरान ओरेवा प्रबंधकों में से एक ने अपने बचाव में इस आधार पर राहत मांगी कि वह कंपनी द्वारा उसे दिया गया काम कर रहा था और यह हादसा एक ‘ईश्वरीय कृत्य’ है।
उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद मामले से संबंधित प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 336 और 337 को जोड़ा है।
भाषा रवि कांत अमित
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