मुंबई: 22,000 करोड़ रुपये के टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट के गुजरात जाने के बाद एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार और विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच एक नया आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो गया है.
एमवीए के नेताओं- जिसमें शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस शामिल हैं- ने परियोजना को महाराष्ट्र में लाने में असमर्थता के लिए सरकार की आलोचना की और कहा कि इस परियोजना का गुजरात चले जाना बताता है कि ‘उद्योगों को राज्य में मौजूदा व्यवस्था में कोई विश्वास नहीं है.’
शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने ट्वीट किया, ‘खोके सरकार ने महाराष्ट्र के एक और प्रोजेक्ट को खो दिया. मैं लंबे समय से मांग कर रहा था कि सरकार प्रयास करे कि टाटा-एयरबस परियोजना महाराष्ट्र से बाहर न जा पाए. महाराष्ट्र को मिलने वाली परियोजनाएं पिछले तीन महीनों से लगातार राज्य से बाहर क्यों जा रही हैं?’
उन्होंने कहा, ‘यह साफ है कि उद्योगपतियों का खोके सरकार में कोई भरोसा नहीं बचा है.’
विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी और बालासाहेबंची शिवसेना की गठबंधन सरकार को ताना मारते हुए उसके लिए ‘खोके सरकार’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं. क्योंकि उनका मानना है कि शिंदे के शिवसेना गुट ने पैसों के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार को जून में गिराया था.
उधर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार का कहना है कि टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र और कंपनियों के बीच समझौता 2021 में हुआ था और तभी बीजेपी शासित गुजरात में स्थापित करने के लिए आपसी सहमति बनी थी. तब एमवीए सरकार सत्ता में थी.
बीजेपी महाराष्ट्र ने एक के बाद किए गए अपने एक ट्वीट में कहा, ‘उद्धव ठाकरे को एयरबस-टाटा प्रोजेक्ट के हाथ से निकल जाने के लिए लोगों से माफी मांगनी चाहिए.’ उन्होंने घुमा-फिराकर पूर्व सीएम को पहले कोविड महामारी के कारण और फिर अपनी खराब सेहत के चलते घर से काम करने के लिए ताना मारते हुए कहा, ‘एयरबस टाटा गुजरात चला गया क्योंकि उद्धव ठाकरे ने खुद को 2.5 साल के लिए घर में बंद कर लिया था.’
टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट महाराष्ट्र सरकार के प्रयासों के बावजूद गुजरात जाने वाले पिछले तीन महीनों में तीसरा बड़ा निवेश है. केंद्र के कुछ अन्य कदम भी परोक्ष रूप से महाराष्ट्र के लिए नुकसानदायक और गुजरात के लिए फायदेमंद रहे हैं.
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टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट
गुरुवार को केंद्र सरकार ने घोषणा की कि टाटा और एयरबस भारतीय वायु सेना के लिए सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बनाएंगे और यह परियोजना गुजरात में स्थापित की जाएगी. सितंबर 2021 में रक्षा मंत्रालय ने 56 सी-295 के उत्पादन के लिए एयरबस एंड डिफेंस एंड स्पेस के साथ 22,000 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे. हालांकि तब तक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए कोई जगह तय नहीं हो पाई थी,लेकिन गुजरात पर विचार चल रहा था.
उधर महाराष्ट्र सरकार परियोजना को नागपुर के मिहान (मल्टीमॉडल इंटरनेशनल कार्गो हब और एयरपोर्ट नागपुर) में लाने की कोशिश कर रही थी. महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी (एमएडीसी) के एक अधिकारी ने दिप्रिंट से कहा कि टाटा के अधिकारियों ने साइट का दौरा भी किया था. लेकिन यह दौरा कब किया गया, उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया.
सितंबर में वेदांत-फॉक्सकॉन का निवेश महाराष्ट्र के हाथ से निकलकर गुजरात चला गया था. इसके बाद महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा था कि उनकी सरकार राज्य को टाटा-एयरबस परियोजना दिलाने की कोशिश करेगी.
वेदांत-फॉक्सकॉन
पिछले महीने गुजरात सरकार ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फेब्रिकेशन प्लांट स्थापित करने के लिए ताइवानी फॉक्सकॉन के साथ वेदांत के एक संयुक्त उद्यम के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह खबर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक बड़े झटके के रूप में आई थी, जो 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए बातचीत की एडवांस स्टेज तक पहुंच चुकी थी.
महाराष्ट्र 2015 से निवेश की पैरवी कर रहा था और राज्य सरकार ने सुविधा के लिए तालेगांव में एक लैंड पार्सल को भी अंतिम रूप दे दिया था. इस संयंत्र के राज्य में लगने से न सिर्फ प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होते बल्कि संबद्ध उद्योगों को भी आगे बढ़ने में भी काफी मदद मिलती.
टाटा-एयरबस सौदे की तरह, शिंदे सरकार ने पूर्ववर्ती एमवीए सरकार को आक्रामक रूप से निवेश के लिए भरसक प्रयास न किए जाने के लिए दोषी ठहराया था.
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बल्क ड्रग पार्क
केंद्र सरकार ने भारत में तीन बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था और राज्यों से इसके लिए प्रपोजल मांगे थे. केंद्र ने इनमें से प्रत्येक के लिए 1,000 करोड़ रुपये का अनुदान देने का वादा भी किया था.
1 सितंबर को केंद्र ने गुजरात, आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश की ओर से भेजे गए प्रस्तावों को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी.
महाराष्ट्र इन पार्कों में से एक के लिए एक प्रमुख दावेदार के रूप में अपने आपको देख रहा था. इस प्रोजेक्ट के लिए उसने रायगढ़ जिले के रोहा और मुरुद तालुका में जमीन भी तलाश ली थी.
वेदांत-फॉक्सकॉन परियोजना के हाथ से निकल जाने के लिए आलोचना का सामना करने के बाद सामंत ने घोषणा की थी कि राज्य सरकार अपने दम पर बल्क ड्रग पार्क विकसित करेगी और 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने और 50,000 करोड़ रुपये तक के निवेश की मांग करने के लिए तैयार है.
आईएफएससी
महाराष्ट्र सरकार 2015 से मुंबई के आलीशान बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) व्यापारिक जिले में एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) स्थापित करने की कोशिश कर रही है. उस समय भाजपा के देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे.
हालांकि, राज्य सरकार को आईएफएससी के लिए एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज़) टैग प्राप्त करने की जरूरत होती है, ताकि वह कंपनियों को आकर्षित कर सके. लेकिन यह आईएफएससी को दी गई उन रियायतों को पाने की कोशिश कर रहा है, जैसा कि गुजरात में गिफ्ट सिटी को मिली थी. इसे पीएम मोदी की पसंदीदा परियोजना के रूप में जाना जाता है, लेकिन यह अब तक टैग पाने में सफल नहीं हुआ है.
राज्य सरकार के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि केंद्र गिफ्ट सिटी के लिए प्रतिस्पर्धा पैदा करने को लेकर सतर्क है.
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए बीकेसी स्टेशन को मुंबई में आईएफएससी की चुनी हुई जगह पर बनाया जाना था. हालांकि, तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने बुलेट ट्रेन स्टेशन को भूमिगत बनाने के लिए बातचीत की ताकि ऊपर आईएफएससी बनाए जाने की गुंजाइश बनी रहे.
डायमंड एक्सचेंज
गुजरात 2,000 एकड़ में फैले सूरत में एक चमकदार हीरे का हब विकसित कर रहा है, जिसके पूरा होने के बाद पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किया जाएगा. अपने स्वयं के कस्टम क्लीयरेंस के साथ, सूरत डायमंड बोर्स में नौ 16-मंजिल टावर होंगे, जिनमें लगभग 4,400 व्यापारियों के रहने और लगभग 1.5 लाख लोगों को रोजगार देने की उम्मीद है.
प्रोत्साहित हब को मुंबई में हीरा बाजार के लिए संभावित खतरे के रूप में देखा जा रहा है. इसके अलावा सूरत डायमंड बोर्स भी मुंबई के हीरा व्यापारियों को अपने कारोबार को गुजरात के शहर में स्थानांतरित करने के लिए करने की कोशिश कर रहा है.
पिछले महीने मोदी ने कहा था कि गुजरात सरकार की डायमंड रिसर्च एंड मर्केंटाइल (ड्रीम) सिटी प्रोजेक्ट सूरत को दुनिया का सबसे सुरक्षित और सबसे सुविधाजनक डायमंड ट्रेडिंग हब बनाना सुनिश्चित करेगा.
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