श्रीनगर: हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष और प्रभावशाली शिया नेता मौलाना अब्बास अंसारी का मंगलवार को यहां निधन हो गया. वह 86 वर्ष के थे.
अंसारी के एक रिश्तेदार ने कहा, ‘मौलाना (अंसारी) ने मंगलवार सुबह पुराने शहर के नवाकदल स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली.’ उन्होंने कहा कि अंसारी पिछले कुछ समय से बीमार थे और सितंबर में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
अंसारी अविभाजित हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अंतिम अध्यक्ष थे क्योंकि अंसारी के 2003 में अलगाववादी संगठन के प्रमुख के रूप में चुने जाने के तुरंत बाद यह दो गुटों में विभाजित हो गया था.
Maulana Abbas Ansari sb lived a life dedicated to the cause of peace and Islam. An ardent advocate of unity who led a pious and a humble life. He leaves behind a rich legacy etched into the hearts and minds of people of Kashmir. Allah darjat buland farmaye. pic.twitter.com/ibsxzWirj8
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 25, 2022
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘मौलाना अब्बास अंसारी का जीवन शांति और इस्लाम के लिए समर्पित रहा. एकता के प्रबल समर्थक, जिन्होंने पाक-साफ जीवन व्यतीत किया.’
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने ट्वीट किया, ‘मौलवी अब्बास अंसारी साहब के परिवार और दोस्तों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं. अल्लाह उन्हें जन्नत-उल-फिरदौस में जगह दे.’
मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के साथ-साथ अलगाववादियों ने भी हुर्रियत के पूर्व अध्यक्ष के निधन पर शोक व्यक्त किया.
मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने कहा कि संगठन अपने पूर्व अध्यक्ष के निधन से बहुत दुखी है.