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Friday, 22 November, 2024
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केरल ‘मानव बलि’ मामले में तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

केरल पुलिस ने बुधवार को खुलासा किया कि मामले के कथित आरोपियों ने पीड़ितों का मांस खाया था. कोच्चि आयुक्त सीएच नागराजू ने कहा कि मुख्य आरोपी शफी पर्वर्ट है और उसका आपराधिक अतीत रहा है.

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नई दिल्ली: केरल के एर्नाकुलम में एक जुडिशियल फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट अदालत ने बुधवार को ‘मानव बलि’ के नाम पर दो महिलाओं की हत्या के तीन आरोपियों को रिमांड पर ले लिया. मुख्य आरोपी मोहम्मद शफी उर्फ ​​रशीद, भगवल सिंह, उनकी पत्नी लैला 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है जो 26 अक्टूबर को समाप्त होगी.

उन पर आपराधिक साजिश, अपहरण, हत्या और सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया है.

रिमांड रिपोर्ट में कहा गया है कि मोहम्मद शफी इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता था. उसने वित्तीय समृद्धि के लिए देवी को खुश करने के वास्ते 49 वर्षीय रोजली और 52 वर्षीय पद्मम जो पहले से लापता थीं, की हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया.

पुलिस ने कहा कि शफी ने दोनों पीड़ितों को एलंथूर में सिंह के घर सेक्स वर्क के लिए पैसे का लालच दिया और बाद में तीनों ने उन्हें बांध दिया, प्रताड़ित किया और उन्हें मार डाला.

रिपोर्ट के अनुसार, लैला ने रोजली का सिर काटकर हत्या की थी, जबकि शफी ने पद्मम को चाकू मारा था. रिपोर्ट में कहा गया है कि रोजली की हत्या करने के बाद सिंह ने उसके स्तन काट दिए थे. बाद में शवों को कई टुकड़े किए गए थे और उन्हें सिंह के घर के परिसर में गड्ढों में दफना दिया गया था.

कदवंतरा पुलिस द्वारा दर्ज गुमशुदगी के मामले की जांच में हत्या का खुलासा हुआ है. पद्मम एक लॉटरी विक्रेता थीं, जो एलमकुलम में एक कमरे के अपार्टमेंट में रह रही थीं और लापता हो गई थी. पद्मम के बेटे ने उनके लापता होने की सूचना पुलिस को दी गई थी. सीसीटीवी और फोन रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस की जांच में पता चला कि महिला को कोच्चि से एक शख्य गाड़ी में तिरुवल्ला ले गया था.

पुलिस ने जल्द ही तीनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया, जिससे यह खुलासा हुआ कि महिला को कथित तौर पर एक मानव बलि के सिलसिले में मार दिया गया था. आगे की पूछताछ में पता चला कि कलाडी से भी लापता होने का एक मामला सामने आया है. कलाडी निवासी रोजली, जो जून में लापता हो गई थीं उनकी भी कथित तौर पर इसी तरह हत्या कर दी गई थी.

इस मामले में शफी पहले आरोपी हैं और सिंह और लैला क्रमश: दूसरे और तीसरे आरोपी हैं.

वहीं, केरल पुलिस ने बुधवार को खुलासा किया कि मामले के कथित आरोपियों ने पीड़ितों का मांस खाया था.

कोच्चि आयुक्त सीएच नागराजू ने कहा कि मुख्य आरोपी शफी पर्वर्ट (विकृत) है और उसका आपराधिक अतीत रहा है. सीएच नागराजू ने कहा, ‘ऐसी संभावना है कि आरोपियों ने पीड़ितों को मारने के बाद शरीर के कुछ हिस्सों को खा लिया हो. इसकी जांच की जा रही है लेकिन अभी तक पुष्टि नहीं हुई है.’

उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने मामले में मारे गए दोनों पीड़ितों के शरीर के सभी हिस्सों को बरामद कर लिया है.

नागराजू ने कहा, ‘पीड़ित महिलाओं में से एक के शरीर के कुछ हिस्सों को तीन गड्ढों से बरामद किया गया जहां उन्हें दफनाया गया था. हमने मारी गई दो महिलाओं के शरीर के कुछ हिस्सों को बरामद किया है.’

पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या मुख्य आरोपी ने कोई यौन शोषण किया है.

कोच्चि के डीसीपी और मुख्य जांचकर्ता एस शशिधरन ने कहा कि इस मानव बलि अनुष्ठान मामले के अलावा विभिन्न अपराधों के तहत शफी के खिलाफ कम से कम आठ मामले दर्ज हैं.

एस शशिधरन ने जानकारी देते हुए बताया, ‘शफी ने वित्तीय कठिनाइयों वाले लोगों को खोजने के लिए अपनी पत्नी के फेसबुक का उपयोग किया, जहां उन्हें भगवल सिंह और लैला, मानव बलि में रुचि रखने वाले जोड़े मिले. उनकी पत्नी को इस बारे में पता नहीं था.’


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विपक्ष का निशाना

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने केरल में कथित मानव बलि के मामले की बुधवार को निंदा की और राज्य की माकपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं.

जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि राज्य के पथनमथिट्टा जिले में सामने आया मामला केवल ‘महिला विरोधी’ नही है बल्कि इसके कई पहलू हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का एक कार्यकर्ता और एक कट्टरपंथी कार्यकर्ता घटना में शामिल है.

बीजेपी की केरल इकाई के प्रभारी जावड़ेकर ने कहा कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं और सरकार चुप है.

उन्होंने इस कृत्य को ‘भयावह’ और ‘अमानवीय’ करार देते हुए कहा, ‘केरल में दो महिलाओं की मानव बलि देने का मामला. अभी तक का सबसे घिनौना अपराध है.’

उधर, केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के युवा संगठन डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) ने मंगलवार को पास के एलंथूर में उस घर की ओर विरोध मार्च निकाला, जहां काले जादू के तहत कथित तौर पर दो महिलाओं की बलि दी गई थी.

डीवाईएफआई ने कहा कि इस तरह की घटना केरल राज्य के लिए एक अपमानजनक बात है जो देश में सामाजिक, सांस्कृतिक और साक्षरता के क्षेत्र में एक आदर्श है.

पुलिस ने कहा कि उन्होंने घर के आगे मार्च रोक दिया क्योंकि शरीर के अंगों को निकालने सहित अपराध स्थल की जांच जारी थी.

युवा संगठन ने बाद में एक विरोध-सभा आयोजित की और कहा कि यह शर्म की बात है कि लोग अभी भी अंधविश्वास वाली मान्यताओं में विश्वास रखते हैं.

भाषा के इनपुट के साथ 


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