नई दिल्ली: ‘सेल्फी’ के लिए यह एक अच्छी जगह है, आयुषी कुमार ने एक बार अपनी मां से ये बात मध्य दिल्ली स्थित उस 13-मंजिली इमारत के बारे में कही थी, जहां दो दर्जन से अधिक सांसद रहते हैं. आयुषी इस माह के शुरू में इसी इमारत की छत से कथित तौर पर कूद गई थी, और उसकी मौत का कारण आज भी अनुत्तरित है.
पुलिस का कहना है कि 20 वर्षीय लड़की ने कथित तौर पर 20 अगस्त की रात छत से छलांग लगा दी थी, और उसने अपने माता-पिता के लिए एक रिकॉर्ड किया गया वॉयस नोट छोड़ा था, हालांकि उसे भेजा नहीं था. अब सुसाइड नोट मानी जा रही इस रिकॉर्डिंग को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.
आयुषी अपने माता-पिता और एक छोटे भाई के साथ तालकटोरा रोड स्थित धोबी घाट पर झुग्गी में रहती थी, जो कि पंडित पंत मार्ग पर सांसद आवास अपार्टमेंट से ज्यादा दूर नहीं हैं.
लेकिन आयुषी की मौत से जुड़े कई अहम सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं- वह इमारत की छत पर कैसे पहुंची, क्या किसी ने उसे वहां आते-जाते देखा और अगर किसी ने उसे देखा होता या उसकी आवाज सुनी होती तो क्या उसे बचाया जा सकता था.
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दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आयुषी को 20 अगस्त को मुख्य द्वार से इमारत में प्रवेश करते देखा गया था.
13वीं मंजिल पर लगे सीसीटीवी कैमरे से मिले फुटेज में वह लिफ्ट से बाहर निकलती नजर आ रही है, वह सफेद कुर्ता और काली पैंट पहने है, अपना फोन इस्तेमाल करते हुए वह छत की ओर जाने वाले दरवाजे की ओर बढ़ती नजर आ रही है.
बाद में उसका शव भूतल पर खून से लथपथ अवस्था में मिला. आयुषी के जूते और मोबाइल फोन बाद में छत पर बरामद किए गए.
रात 9.15 बजे के आसपास नॉर्थ एवेन्यू पुलिस स्टेशन में एक पीसीआर कॉल करके पुलिस को किसी युवती के ‘इमारत से गिरने’ की सूचना दी गई.
इस केस के बारे में पूछे जाने पर नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), अमृता गुगुलोथ ने कहा कि आयुषी के माता-पिता ने किसी भी तरह के ‘संदेह’ से इनकार किया है और शव परीक्षण रिपोर्ट में पाया गया है कि ऊंचाई से गिरने के उसे गहरा आघात लगा.
डीसीपी गुगुलोथ ने दिप्रिंट को बताया कि पुलिस ने माता-पिता के बयान दर्ज कर लिए हैं और क्राइम टीम और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है. उन्होंने बताया, ‘अपार्टमेंट से सीसीटीवी फुटेज हासिल किए गए हैं जिसमें वह (आयुषी) इमारत के अंदर और छत पर अकेले जाती दिख रही है.’
डीसीपी गुगुलोथ ने कहा कि प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि मृतका कुछ ‘आर्थिक तनाव’ से गुजर रही थी लेकिन उसने यह घातक कदम किस वजह से उठाया, इसके बारे में भी ठीक से पता नहीं चल पाया है.
गार्ड का दावा- उसे पहले कभी यहां नहीं देखा
केस से वाकिफ एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘वह मेन गेट से इमारत में दाखिल हुई और लिफ्ट से छत पर गई.’ एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘जाहिर तौर पर गार्डों ने उसे ऊपर जाने दिया.’
पिछले हफ्ते जब दिप्रिंट ने परिसर का दौरा किया, तो गंगा यमुना सरस्वती सोसाइटी के गेट नंबर दो पर दो गार्ड तैनात थे. एक चौकीदार कुर्सी पर बैठा था और दूसरा एक खोखे के अंदर. हालांकि, यमुना अपार्टमेंट में प्रवेश के लिए यह सबसे अधिक उपयोग होने वाला रास्ता है, लेकिन मेन गेट पर वाहनों का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता.
इस रिपोर्टर को सांसद आवास अपार्टमेंट के अंदर जाने से किसी ने नहीं रोका.
एक गार्ड ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘हमारे पास एंट्री रजिस्टर रखने का कोई आदेश नहीं है. अगर हम पूछने की कोशिश करते हैं तो कोई सहयोग भी नहीं करता है. वे हमें आदेश दिखाने के लिए कहते हैं, इसलिए अब हमने ऐसा करना छोड़ दिया है.’
मेन गेट पर तैनात एक गार्ड ने कहा, ‘जब पुलिस ने कर्मचारियों से पूछा तो वे ठीक से यह नहीं बता पाए कि वो इमारत तक कैसे पहुंची. कोई भी इस बारे में नहीं जानता है.’
आयुषी यमुना अपार्टमेंट के भूतल पर जिस जगह गिरी थी, वह पिछले दरवाजे के बगल में स्थित है. इसका इस्तेमाल डिलीवरी वॉलेट और सैनिटरी कर्मचारी करते हैं. फिलहाल इस घटना के बाद से वह दरवाजा बंद है.
इस इमारत में आठ गार्ड शिफ्ट में काम करते हैं लेकिन यमुना अपार्टमेंट के रिसेप्शन पर लाइव सीसीटीवी फीड के साथ तीन टीवी स्क्रीन होने के बावजूद उस दिन आयुषी को देखना किसी को याद नहीं था.
यमुना अपार्टमेंट के रिसेप्शन में सुरक्षा गार्डों की सुरक्षा निगरानी में दो लिफ्ट चलती हैं. सांसदों के लिए आरक्षित इन लिफ्ट में से एक से आयुषी उस दिन 13वीं मंजिल पर पहुंची थी.
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यह पूछे जाने पर कि क्या उसने रिसेप्शन पर रखे रजिस्टर में कोई एंट्री की थी, दिप्रिंट ने बात करने वाले गार्ड ने कहा कि उन्हें कुछ याद नहीं है. साथ ही बताया कि रजिस्टर भरने के बाद उन्हें केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के पास जमा करा दिया जाता है.
स्टाफ मेंबर के मुताबिक, 13 मंजिला यमुना अपार्टमेंट में कम से कम 26 सांसद रहते हैं, एक स्टाफ मेंबर ने कहा, ‘वे (सांसद) आते हैं और चले जाते हैं. अक्सर, सहयोगी, पीए, सांसदों के कर्मचारी और उनके रिश्तेदार भी यहां आते हैं.’
मेंटिनेंस स्टाफ और एंट्री गेट और रिसेप्शन पर तैनात गार्डों ने कहा कि उन्होंने आयुषी को पहले यहां कभी नहीं देखा था.
हालांकि, उसके परिवार का दावा है कि वह पहली बार इमारत में नहीं गई थी. उन्होंने बताया कि वह सेल्फी लेने और इंस्टाग्राम रीलों को रिकॉर्ड करने के लिए पहले भी कई बार इमारत की छत पर जा चुकी थी.
‘उसने कभी हमें किसी परेशानी के बारे में नहीं बताया’
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, आयुषी के सेल फोन से बरामद वॉयस नोट में उसके परिवार की आर्थिक स्थिति का जिक्र था.
एक सूत्र ने बताया, ‘उसके पिता एक मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान पर काम करते हैं, उसका भाई स्कूल में है, और उसकी मां एक गृहिणी है. वह नौकरी की तलाश कर रही थी लेकिन अभी कहीं नौकरी नहीं कर रही थी.’
सूत्र ने बताया कि आयुषी को पूर्वी दिल्ली स्थित एक पूर्व नियोक्ता ने ‘पूर्व में ठग लिया’ था, जिसने उसका बकाया भुगतान किए बिना ही अपनी दुकान बंद कर दी थी.
उसके माता-पिता को सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद कुछ हद तक यही लगता है कि आयुषी ने खुद कूदकर अपनी जान दे दी है. हालांकि, वे यह समझ नहीं पा रहे कि किस बात ने उसे यह घातक कदम उठाने के लिए बाध्य कर दिया.
परिवार के सदस्य उसके बारे में बताते हैं कि उसे सेल्फी लेना और इंस्टाग्राम रील रिकॉर्ड करना बहुत पसंद था. सूत्रों ने यह भी कहा कि आयुषी ने नौकरी के साथ 10वीं तक पढ़ाई की थी.
उसके पिता राकेश कुमार ने कहा कि उसने 15 दिन पहले ही कनॉट प्लेस के एक टैटू पार्लर में नौकरी मिलने के बारे में बताया था. हालांकि, उन्हें यह नहीं पता कि टैटू पार्लर का नाम क्या था या फिर वहां कितने वेतन की बात हुई थी.
उन्होंने सुबकते हुए दिप्रिंट को बताया, ‘उसे कोई बीमारी नहीं थी. उसने हमें कभी किसी परेशानी के बारे में भी नहीं बताया. यहां तक, जब उसे नौकरी मिली तो वह बेहद उत्साहित होकर घर आई थी. उस दिन (20 अगस्त) भी वह सुबह करीब 10 बजे घर से निकली थी. और हमें किसी तरह की चिंता करने की कोई जरूरत भी नजर नहीं आई थी.’
घटना के बाद से मां अलका कुमार बिस्तर पर पड़ी हैं और वह इस बारे में किसी से बात नहीं करना चाहतीं. पिता का कहना है कि वह उन्हें संभालने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वह उस दिन की घटना से उबर नहीं पा रही हैं.
आयुषी आमतौर पर शाम 7 बजे के आसपास घर लौट आती थी, उसके पिता ने कहा, 20 अगस्त को कई फोन कॉल का जवाब नहीं मिलने पर परिवार चिंतित हो गया.
पिता के मुताबिक, वह आयुषी की तलाश के लिए कनॉट प्लेस गए थे, जब उन्हें पुलिस का फोन आया. इसमें उन्हें मध्य दिल्ली स्थित अपार्टमेंट परिसर में आने को कहा गया था. बाद में मां ने उन्हें बताया कि आयुषी पहले भी कई बार उस बिल्डिंग में जा चुकी थी.
राकेश ने कहा, ‘उसने अपनी मां से कहा था—सेल्फी अच्छी आती है वहां पर.’ लेकिन वह रात में कभी वहां नहीं गई. केवल दिन में ही गई थी.
उन्होंने कहा, ‘उसकी मां ने मुझे बताया कि वह वहां एक साल से अधिक समय से सेल्फी लेने और रील बनाने के लिए वहां जा रही थी.’
यदि आप कभी डिप्रेशन या आत्महत्या की भावना महसूस करें तो प्लीज अपने राज्य की हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें.
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