नई दिल्ली: पाकिस्तान की एक अदालत ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए मामला दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर शनिवार को पुलिस को नोटिस जारी किया.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर सेशन कोर्ट ने एक नागरिक मोहम्मद नवाज द्वारा याचिका दायर करने के बाद पुलिस से जवाब मांगा है. इसमें अदालत से कहा गया कि वह पुलिस को पीएमएल-एन नेता के खिलाफ न्यायपालिका की संस्था को बदनाम करने के लिए मामला दर्ज करने का आदेश दे.
अधिवक्ता उमैर सईद बट के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया कि पीएमएल-एन नेता ने 25 और 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिवादी ने जजों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया, जो न्यायपालिका का उपहास करने के समान है.
एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज लियाकत अली रांझा ने याचिका पर पुलिस से तीन सितंबर तक जवाब मांगा है.
इस बीच, डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक , एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने नेशनल अकाउंटिब्लिटी ब्यूरो (एनएबी) के कार्यालय के बाहर पुलिस टीम पर हमला करने के एक मामले में दो पीएमएल-एन कार्यकर्ताओं की पुलिस रिमांड से इनकार कर दिया. यह हमला मरियम नवाज संबंधित भूमि आवंटन की जांच में पेश होने के दौरान किया गया था.
पीएमएल-एन के काफिले में मौजूद कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पत्थरबाजी की थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज, वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया था.
हमले के बाद मरियम नवाज समेत 60 लोगों के खिलाफ लाहौर में एनएबी के ऑफिस पर हमला करने और अधिकारियों का उत्पीड़न करने के लिए मामला दर्ज किया गया था.
पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि पुलिस ने एनएबी की शिकायत पर पीएमएल-एन के 188 नेताओं और 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. हमले में 13 पुलिस अधिकारी घायल हो गए और पार्टी के सांसदों, एमएनए और अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए गए.
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