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Friday, 22 November, 2024
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बुलंदशहर हिंसा में संलिप्त जवान हिरासत में, सपा ने कहा योगी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के विशेषज्ञ

बुलंदशहर में भीड़ द्वारा हुई हिंसा में पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह और सुमित कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

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श्रीनगर/लखनऊ : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोलीबारी की घटना में कथित रूप से संलिप्त एक जवान को शनिवार को जम्मू एवं कश्मीर में हिरासत में ले लिया गया. बुलंदशहर की घटना में एक पुलिस अधिकारी और एक स्थानीय नागरिक की मौत हो गई थी.

सेना सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी.

जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी को सोपोर में 22 राष्ट्रीय राइफल्स द्वारा हिरासत में लिया गया.

उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) उसे हिरासत में लेने के लिए देर शाम यहां पहुंच सकती है.

पिछले सप्ताह बुलंदशहर में भीड़ द्वारा हुई हिंसा में पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह और सुमित कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

योगी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के विशेषज्ञ

समाजवादी पार्टी ने शनिवार को योगी आदित्यनाथ को ‘सबसे अयोग्य मुख्यमंत्री’ बताते हुए उन पर उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया. बुलंदशहर हिंसा को केवल एक ‘दुर्घटना’ कहने के उनके बयान का संदर्भ देते हुए पार्टी के प्रवक्ता अब्दुल हाफिज गांधी ने कहा कि यह दिखाता है कि मुख्यमंत्री एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक व्यक्ति के मारे जाने की घटना को कितनी संवेदनहीनता के साथ ले रहे हैं.

सपा नेता ने कहा, ‘मुख्यमंत्री 2019 लोकसभा चुनावों से पहले राज्य में स्पष्टता के साथ ध्रुवीकरण कर रहे हैं.’

उन्होंने यह भी बताया कि कैसे सरकार और न ही पुलिस मुख्य साजिशकर्ता योगेश राज को पकड़ने में रूचि नहीं दिखा रही है, जिसका नाम एफआईआर में है.

अब्दुल ने कहा, ‘ऊपर से ही यह स्पष्ट आदेश है कि भाजपा कैडर, इससे जुड़े संगठन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोगों को कानून अपने हाथों में लेने के बावजूद भी कोई हानि नहीं पहुंचाई जाएगी.’

सपा प्रवक्ता ने कहा, ‘विकास की बातें और ‘सबका साथ-सबका विकास’ जैसे नारे खोखले हैं और इस सरकार का एजेंडा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और समाज को धर्म के आधार पर बांटना है.’

राज्य सरकार को बजरंग दल के जिला समन्वयक योगेश राज को गिरफ्तार करने में असफल रहने पर चौतरफा आलोचना झेलनी पड़ रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि योगेश ने गोकशी के नाम पर न सिर्फ अफरा-तफरी मचाई बल्कि हिंसा के लिए लोगों को उकसाया.

एफआईआर में नामित 25 लोगों में से अब तक नौ को गिरफ्तार किया जा चुका है. राज्य सरकार ने समय पर कार्रवाई नहीं करने के लिए शनिवार को बुलंदशहर के जिला पुलिस प्रमुख और दो अन्य पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया है.

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