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Friday, 22 November, 2024
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‘चुनावी लोकतंत्र के ताबूत में आखिरी कील’- J&K में गैर-स्थानीय लोगों को वोट देने के अधिकार पर महबूबा मुफ्ती

चुनाव आयोग ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में स्पेशल समरी रिवीजन के कार्यक्रम की घोषणा की और कहा कि जो लोग क्षेत्र से अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद विधानसभा में मतदाता नहीं थे उनका नाम अब वोटर लिस्ट में रखा जा सकता है.

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नई दिल्ली: पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को कहा कि बीजेपी द्वारा कश्मीर में गैर-स्थानिय लोगों को मत अधिकार देना ‘चुनावी लोकतंत्र के ताबूत में आखिरी कील’ है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुफ्ती ने कहा, ‘यह चुनावी लोकतंत्र के ताबूत में आखिरी कील है. मुस्लिम बहुसंख्यिक राज्य ने भारत को चुना है. वो सेक्यूलर भारत का हिस्सा बनना चाहते हैं लेकिन लोगों ने अपना विश्वास वोटिंग से खो दिया है. सब बीजेपी के हित में हो रहा है.’

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला से चुनाव आयोग द्वारा बाहरी लोगों को जम्मू-कश्मीर में वोटर्स बनाने की अनुमति देने के संबंध में भविष्य की कार्रवाई तय करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने को कहा है.

चुनाव आयोग ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में स्पेशल समरी रिवीजन के कार्यक्रम की घोषणा की और कहा कि जो लोग क्षेत्र से अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद विधानसभा में मतदाता नहीं थे उनका नाम अब वोटर लिस्ट में रखा जा सकता है.

एक अधिकारी के अनुसार व्यक्ति को इसके लिए केंद्र शासित प्रदेश का ‘स्थायी निवासी’ होने की जरूरत नहीं है.

सरकारी अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि धारा 370 के निरस्त होने के बाद, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951 लागू होता है. यह आम तौर पर रहने वाले व्यक्ति को जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश की मतदाता सूची में पंजीकृत होने की अनुमति देता है, बशर्ते कि उसका नाम उसके मूल निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची से हटा दिया जाए.

उसने कहा कि धारा 370 को निरस्त करने से पहले भी, आमतौर पर केंद्र शासित प्रदेश में रहने वाले लोग मतदाता सूची में पंजीकृत होने के पात्र थे. उन्हें गैर स्थायी निवासी (एनपीआर) मतदाताओं के रूप में वर्गीकृत किया गया था. पिछले संसदीय चुनावों के दौरान जम्मू-कश्मीर में लगभग 32 हजार एनपीआर मतदाता थे.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर हिरदेश कुमार ने कहा था, ‘आर्टिकल 370 को हटाने के बाद, बहुत से लोग जो विधानसभा में वोटर्स नहीं थे अब वोट डालने के लिए मतदाता सूची में नाम होगा…और किसी को स्थायी निवासी होने की जरूरत नहीं है.’

अनुसूची के अनुसार, सभी निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों द्वारा 15 सितंबर, 2022 को एकीकृत मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी. शिकायत दाखिल करने के लिए 15 सितंबर से 25 अक्टूबर के बीच की अवधि निर्धारित की गई है और इस संबंध में सभी निपटान 10 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा.


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