नयी दिल्ली, 17 अगस्त (भाषा) उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बुधवार को कहा कि सरकार मोबाइल, टैबलेट जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक ही चार्जर की संभावना तलाशने को लेकर विशेषज्ञ समूहों का गठन करेगी। ये समूह दो महीनों में विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगे।
उद्योगों से जुड़े पक्षों के साथ बैठक के बाद सचिव ने कहा कि भारत शुरुआत में दो प्रकार के चार्जर अपनाने पर विचार कर सकता है। इसमें सी प्रकार का चार्जर भी शामिल है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह जटिल मुद्दा है। देश चार्जर के विनिर्माण की स्थिति में है। हमें अंतिम निर्णय लेने से पहले उद्योग, उपयोगकर्ताओं, विनिर्माताओं और परिवेश समेत सभी के दृष्टिकोण को समझना है।’’
सिंह ने कहा कि प्रत्येक प्रक्ष का अलग नजरिया है और उन मुद्दों पर अलग-अलग विचार के लिये विशेषज्ञ समूहों का गठन किया जाएगा।
मोबाइल, फीचर फोन, लैपटॉप और आइपैड तथा पहने जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले चार्जिंग पोर्ट का अध्ययन करने के लिए अलग-अलग विशेषज्ञ समूह बनाए जाएंगे।
सचिव ने कहा कि समूहों को इस महीने अधिसूचित किया जाएगा और वे दो महीने में अपनी सिफारिशें देंगे।
उन्होंने कहा कि हालांकि क्षेत्र विशेष के संगठनों और विनिर्माता ई-कचरे को लेकर चिंता पर सहमति जतायी है। लेकिन उन्होंने इस मामले में और चर्चा की बात कही है।
बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स इनोवेशन कंसोर्टियम (ईपीआई) फाउंडेशन और एचसीएल के संस्थापक अजय चौधरी, मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (मैट) के अध्यक्ष राजकुमार ऋषि, इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक एसोसिएशन (आईसीईए) के चेयरमैन पंकज महेंद्रू, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीईएमए) के अध्यक्ष एरिक ब्रेगेंजा और इंडियन इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईईईएमए) के अध्यक्ष विपुल रे उपस्थित थे।
इसके अलावा बैठक में डिजिटल माध्यम से लावा इंटरनेशनल लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हरिओम राय, उद्योग मंडल फिक्की, सीआईआई और एसोचैम के साथ-साथ आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) कानपुर और आईआईटी बीएचयू के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
भाषा
रमण अजय
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