नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर उन्हें यहां स्थित ‘सदैव अटैल’ में श्रद्धांजलि अर्पित की.
इनके अलावा पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे. पी. नड्डा, राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और कई केंद्रीय मंत्रियों व गणमान्य हस्तियों ने भी ‘भारत रत्न’ वाजपेयी को पुष्पांजलि अर्पित की.
इस अवसर पर एक प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया.
बाद में प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘आज अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर ‘सदैव अटल’ गया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. भारत की सेवा को लेकर हम वाजपेयी के प्रयासों से सदैव प्रेरणा लेते रहेंगे.’
उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने भारत को बदलने और 21 वीं सदी की चुनौतियों के लिए देश को तैयार करने के लिए अग्रणी प्रयास किए.
शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री को नमन करते हुए एक ट्वीट में कहा कि वाजपेयी ने भारत के गौरव को पुनर्स्थापित करने के लिए अपने जीवन का प्रत्येक क्षण खपाया. उन्होंने कहा, ‘वाजपेयी ने भारतीय राजनीति में गरीब कल्याण व सुशासन के नए युग की शुरुआत की और साथ ही विश्व को भारत के साहस व शक्ति का भी अहसास कराया.’
नड्डा ने कहा, ‘वाजपेयी का सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र के प्रति समर्पित रहा, उनकी कविताएं, आदर्श राजनीतिक जीवन व विचार हमारे लिए सदैव प्रेरणापुंज रहेंगे.’
राष्ट्रीय राजनीति में भाजपा के उदय में वाजपेयी की महत्वपूर्ण भूमिका थी. 1990 के दशक में वह पार्टी का मुख्य चेहरा बनकर उभरे और केंद्र में पहली बार भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनी. प्रधानमंत्री के तौर पर वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान देश में उदारीकरण को बढ़ावा मिला और बुनियादी ढांचे तथा विकास को गति मिली.
‘सदैव अटल’ वाजपेयी का स्मारक है. वर्ष 2018 में आज ही के दिन दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. उन्हें 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
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