नयी दिल्ली, 16 अगस्त (भाषा) उद्योग जगत के प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक भारत में डीजल की मांग में लगातार दूसरे महीने गिरावट हुई।
विशेषज्ञों के मुताबिक मांग में यह गिरावट मानसून के चलते हुई। मानसून के कारण कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में ईंधन खपत काफी कम हो गई है।
पेट्रोल और डीजल की मांग जुलाई में मासिक आधार पर घट गई थी। दूसरी ओर अगस्त की पहली छमाही में पेट्रोल की खपत लगभग स्थिर है और डीजल की मांग 11.2 प्रतिशत गिरकर 28.2 लाख टन रह गई। पिछले महीने की समान अवधि में डीजल की खपत 31.7 लाख टन थी।
मानसून के आगमन और तेजी पकड़ने से देश में डीजल की मांग पर भारी असर पड़ता है। ऐसे में परंपरागत रूप से खपत अप्रैल-जून की तुलना में जुलाई-सितंबर में कम होती है।
कृषि क्षेत्र में सिंचाई पंपों और ट्रकिंग में डीजल का उपयोग किया जाता है, और ये मांग बारिश की शुरुआत के साथ घट जाती है।
हालांकि, डीजल की मांग एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 32.8 प्रतिशत अधिक है। ऐसा कम आधार प्रभाव और आर्थिक गतिविधियों में तेजी के चलते है।
आंकड़ों से पता चलता है कि 2020 में 1-15 अगस्त के दौरान डीजल की खपत 17.8 लाख टन थी और इसके मुकाबले समीक्षाधीन अवधि में यह आंकड़ा 58.2 प्रतिशत अधिक है। यह आंकड़ा अगस्त 2019 की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक है।
अगस्त के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की बिक्री 0.8 प्रतिशत बढ़कर 12.9 लाख टन हो गई, जबकि इससे पिछले महीने की समान अवधि में यह आंकड़ा 12.8 लाख टन था।
भाषा पाण्डेय
पाण्डेय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.