नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की दोषी नलिनी श्रीहरन ने जेल से रिहाई की अपील करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. नलिनी ने पूर्व पीएम की हत्याकांड में शामिल दूसरे दोषी एजी पेरारिवलन की तरह ही रिहाई की अपील की है.
गौरलतब है कि नलिनी राजीव गांधी की हत्या में मामले में आजीवन कारावास की सजा कट रही हैं.
नलिनी ने सुप्रीम कोर्ट के पेरारिवलन को रिहा करने के आदेश की हवाला देते हुए इस अपील को दायक किया है. इससे नलिनी ने मद्रास हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा कर यह आवेदन किया था लेकिन अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था.
मद्रास हाी कोर्ट ने याचिका को ठुकराते हुए कहा था कि उसके पास संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्तियां नहीं हैं और इसलिए वह उनकी रिहाई का आदेश नहीं दे सकता.
इससे पहले, एक अन्य सह-दोषी पी रविचंद्रन ने भी राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. 30 साल से जेल में बंद रविचंद्रन ने औपचारिक रिहाई के अपने मामले के निष्कर्ष तक पहुंचने तक अंतरिम जमानत मांग की थी.
हाई कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा था कि अगर उनकी याचिका पेरारिवलन की रिहाई के आधार पर है तो वो सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं.
18 मई को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एजी पेरारिवलन को रिहा करने के का फैसला सुनाया था. वो पूर्व पीएम की हत्या में शामिल सात दोषियों में से एक हैं.
पेरारीवलन की रिहाई के बाद, रविचंद्रन ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को एक पत्र लिखा था जिसमें उनके सहित बाकी छह दोषियों की रिहाई की मांग की गई थी. उन्होंने इसमें हवाला दिया था कि राज्यपाल ने रिहाई की फाइलों को तीन साल से अधिक समय तक बिना विचार किए रखा है जिसको वह संविधान विरोधी बताते हैं.
सितंबर 2018 में तमिलनाडु सरकार द्वारा की गई सिफारिश के आधार पर जेल से समय से पहले रिहाई के लिए पेरारिवलन की याचिका पर फैसला करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने उसकी रिहाई का आदेश दिया था जबकि छह अन्य दोषी जेल में ही हैं.
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