बर्मिंघम, सात अगस्त ( भाषा ) भारतीय पुरूष हॉकी टीम राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में सोमवार को उतरेगी तो उसका इरादा इन खेलों में आस्ट्रेलिया का दबदबा तोड़ने का होगा ।
भारत ने अब तक राष्ट्रमंडल खेलों में छह में से एक भी बार स्वर्ण नहीं जीता है । इन खेलों में 1998 में हॉकी को शामिल किया गया जिसके बाद से 2010 और 2014 में भारत ने रजत पदक जीते हैं ।
दूसरी ओर आस्ट्रेलिया ने सभी छह स्वर्ण अपने नाम किये हैं ।
भारत के लिये आस्ट्रेलिया को हराकर पीला तमगा जीतना आसान नहीं होगा और इसके लिये उसे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा ।
तोक्यो ओलंपिक में हालांकि 41 साल बाद पदक जीतने वाली भारतीय टीम आत्मविश्वास से ओतप्रोत है । भारत का रजत तो पक्का है लेकिन स्वर्ण सोने पे सुहागा होगी और मनप्रीत सिंह की टीम यह मौका चूकना नहीं चाहेगी ।
भारत ने दक्षिण अफ्रीका को और आस्ट्रेलिया ने मेजबान इंग्लैंड को 3 . 2 से हराकर फाइनल में जगह बनाई ।
गोलकीपर पी आर श्रीजेश की अगुवाई में भारतीय रक्षापंक्ति काफी मजबूत है लेकिन आस्ट्रेलिया के सामने कोई भी गलती भारी पड़ सकती है ।
मिडफील्ड में कप्तान मनप्रीत , हार्दिक सिंह और नीलाकांता शर्मा जिम्मा संभालेंगे । भारतीय फॉरवर्ड पंक्ति ने अभी तक अच्छा प्रदर्शन किया है । मनदीप सिंह और आकाशदीप सिंह के साथ शमशेर सिंह, ललित उपाध्याय , गुरजंत सिंह और अभिषेक फॉर्म में हैं ।
कांस्य पदक के प्लेआफ में इंग्लैंड का सामना दक्षिण अफ्रीका से होगा ।
भाषा मोना नमिता
नमिता
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