नयी दिल्ली, तीन अगस्त (भाषा) संसद की एक समिति ने राजस्व विभाग से 21 लाख करोड़ रुपये से अधिक के अनुमानित कर बकाया की वसूली को लेकर ठोस कार्ययोजना तैयार करने को कहा है।
वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘कर बकाया के रूप में प्रत्यक्ष कर मद में 18.68 लाख करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष कर के अंतर्गत 2.95 लाख करोड़ रुपये का बकाया है। इसको देखते हुए ऐसा लगता है कि राजस्व विभाग कर बकाये के दुष्चक्र में फंस गया है।’’
संसद में पेश रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय ने बकाया कर की वसूली के लिये विभिन्न विधायी और प्रशासनिक उपाय शुरू किये हैं। हालांकि, प्रत्यक्ष कर के मामले में 94 प्रतिशत बकाया कर ऐसी श्रेणी में हैं, जिसे ‘वसूल करना कठिन’ है। जबकि अप्रत्यक्ष कर के मामले में 88 प्रतिशत बकाया ऐसी श्रेणी में है, जो ‘संग्रह योग्य नहीं’ है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति समयबद्ध तरीके से बकाये के निपटान के लिये ठोस कार्ययोजना और स्पष्ट रूपरेखा की अपनी सिफारिश दोहराती है।’’
समिति ने यह भी कहा कि वह जीएसटी (माल एवं सेवा कर) से उत्पन्न विभिन्न विवादास्पद मुद्दों के बारे में चिंतित है। समिति ने मंत्रालय से जीएसटी से संबंधित विवादों के निपटारे के लिये एक विशेष जीएसटी न्यायाधिकरण स्थापित करने की सिफारिश की है।
भाषा रमण अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.