नयी दिल्ली, तीन अगस्त (भाषा) श्रेई समूह की कंपनियों के पूर्व प्रवर्तक हेमंत कनोरिया ने लेनदेन लेखा परीक्षक (ऑडिटर) बीडीओ इंडिया की कथित धोखाधड़ी वाले लेनदेन से संबंधित रिपोर्ट को ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ बताया है।
कनोरिया श्रेई इंफ्रास्ट्रचर फाइनेंस लिमिटेड (एसआईएफएल) और उसकी अनुषंगी श्रेई इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड (एसईएफएल) के पूर्व संस्थापक हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने अक्टूबर, 2021 में दोनों कंपनियों के निदेशक मंडलों को कामकाज के संचालन में खामियों के चलते भंग कर दिया था और एक प्रशासक नियुक्त किया था।
श्रेई समूह की कंपनियों के लिए समाधान पेशेवर और एसईएफएल के प्रशासक रजनीश शर्मा को भेजे पत्र में कनोरिया ने कहा कि बीडीओ की रिपोर्ट पारदर्शी तरीके से नहीं बनाई गई है।
पत्र में कहा गया, ‘‘जो आरोप लगाए गए हैं वे पूरी तरह गलत एवं तथ्यात्मक रूप से भी निराधार हैं और जिम्मेदाराना तरीके से नहीं लगाए गए हैं।’’
बीडीओ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एसईएफएल ने 2,133 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी वाले लेनदेन के बारे में सूचित किया है जो 2017-18 और 2020-21 के दौरान किए गए और ये लेनदेन तीन अलग-अलग कंपनियों के जरिये किए गए।
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