नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को चालू वित्त वर्ष में फंसे कर्ज वाले खातों से 15,000 करोड़ रुपये प्राप्त करने की उम्मीद है। इसका एक बड़ा हिस्सा कर्ज समाधान प्रक्रिया वाले मामलों से आएगा।
बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ए मणिमेखलई ने विश्लेषकों के साथ चर्चा के दौरान यह संभावना जताई। बैंक ने इस परिचर्चा का ब्योरा देते हुए कहा है कि वित्त वर्ष 2022-23 में करीब 15,000 करोड़ रुपये की बकाया वसूली होने का अनुमान है।
राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने 4,842 करोड़ रुपये मूल्य के कुल 44 फंसे कर्जों के समाधान की प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दी हुई है। इसके अलावा 55 अन्य बकाया कर्जों की वसूली के लिए कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) की तरफ से रखे गए प्रस्ताव भी विचाराधीन हैं जिनमें 5,168 करोड़ रुपये का कर्ज फंसा हुआ है।
मणिमेखलई ने कहा, ‘इस तरह करीब 10,000 करोड़ रुपये के फंसे कर्ज की वसूली की उम्मीद हमें इस वित्त वर्ष में करनी चाहिए। इसके अलावा हम ऋण पुनर्गठन निकाय एनएआरसीएल को भी कुछ खाते हस्तांतरित करने की उम्मीद कर रहे हैं।’
राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) का गठन पिछले साल कई बैंकों ने फंसे हुए कर्जों का बोझ इस कंपनी के हवाले करने के लिए किया था।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने चालू वित्त वर्ष में 13,000 करोड़ रुपये की कर्ज पुनर्भुगतान चूक की भी आशंका जताई है। अप्रैल-जून की तिमाही में कर्ज चूक 3,714 करोड़ रुपये की रही।
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