नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) टायर विनिर्माता अपोला टायर्स को उम्मीद है कि अगले कुछ साल में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को लोग तेजी से अपनाने लगेंगे और इससे पैदा होने वाली मांग को पूरा करने के लिए उसने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं।
अपोलो टायर्स के अध्यक्ष (एशिया-प्रशांत, पश्चिम एशिया एवं अफ्रीका) सतीश शर्मा ने सोमवार को पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन सबसे तेजी से बढ़ेंगे जिनमें मोटरसाइकिल की तुलना में स्कूटर आगे रहेंगे। उन्होंने संभावना जताई कि वर्ष 2030 तक कुल वाहन बिक्री में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का हिस्सा 30-35 प्रतिशत तक चला जाएगा।
शर्मा ने कहा, ‘इसके अलावा इलेक्ट्रिक बसों के भी तेज रफ्तार से बढ़ने की संभावना है। वर्ष 2030 तक कुल यात्री वाहनों में चार-पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों का अनुपात 15-20 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।’
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए खास तौर पर डिजाइन किए गए टायरों की मांग भी बढ़ेगी। इसको ध्यान में रखते हुए कंपनी ने इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों के लिए ‘एम्पीरियन’ और इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए ‘वाव’ ब्रांड को पेश किया है।
शर्मा ने कहा कि कंपनी अपने रेडेस्टियन ब्रांड के जरिये यूरोपीय बाजार में इलेक्ट्रिक मॉडल के विकास की संभावनाएं तलाश रही है। यह पहले यूरोप में पेश किया जाएगा और फिर कंपनी उसे भारतीय बाजार में लेकर आ सकती है।
उन्होंने कहा कि मर्सिडीज, ऑडी और वोल्वो जैसी लग्जरी वाहन निर्माता कंपनियां भी इलेक्ट्रिक मॉडल लाने की तैयारी में हैं लिहाजा इस खंड में कंपनी को प्रीमियम टायर विनिर्माताओं से मुकाबला करना होगा।
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