नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की सामाजिक सुरक्षा योजना ईपीएस-95 के तहत न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक किये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर पेंशनभोगियों ने सोमवार से भूख हड़ताल समेत विभिन्न स्तरों पर विरोध-प्रदर्शन शुरू किया है।
राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के संयोजक अशोक राउत ने बयान में कहा, ‘‘हमारी मांगें लंबे समय से लंबित है। हम अपनी मांगों के समर्थन में आज से सात अगस्त, 2022 तक पूरे देश में तालुका, जिला और राज्यस्तर पर आंदेलन करेंगे।’’
उन्होंने विरोध-प्रदर्शन का ब्योरा देते हुए कहा, ‘‘राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (सीपीफसी) कार्यालय के सामने आज से भूख हड़ताल शुरू हुई है। बारी-बारी से यह भूख हड़ताल सात अगस्त तक चलेगी। मांगे पूरी नहीं होने पर उसके बाद आमरण अनशन किया जाएगा। साथ ही आठ अगस्त से देशभर के लाखों पेंशनभोगी (ईपीएस 95 के अंतर्गत आने वाले) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रदर्शन/रास्ता रोको अभियान चलाएंगे।’’
एनएसी के तहत आंदोलन कर रहे पेंशनभोगी ईपीएफओ की कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस-95) के तहत न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर 7,500 रुपये मासिक करने के साथ महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे हैं। साथ ही ईपीएस-95 पेंशनभोगियों को उच्च पेंशन का विकल्प देने, सभी ईपीएस-95 पेंशनभोगियों और उनके जीवनसाथी को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने समेत अन्य मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकर अन्य पेंशन येजनाएं सुचारू रूप से चला रही है लेकिन ईपीएएस-95 पेंशनभोगियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।’’
राउत ने कहा कि उन्होंने इस बारे में श्रम मंत्री को भी पत्र लिखा है।
उल्लेखनीय है कि ईपीएएस- 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि में जाता है। वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है। इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है। अभी इस योजना के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये मासिक मिलती है।
राउत का दावा है, ‘‘ 30 – 30 साल काम करने और ईपीएस आधारित पेंशन मद में निरंतर योगदान करने के बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में अधिकतम 2,500 रुपये ही मिल रहे हैं। इससे कर्मचारियों और उनके परिजनों का गुजर – बसर करना कठिन है। ’’
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रमण अजय
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