भोपाल: मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम निवासी उमाशंकर राठौर ने अपने 20 साल के बेटे निशंक को जो आखिरी मैसेज भेजा था, वह पिछले शनिवार को सेकेंड हैंड स्कूटर का विज्ञापन था. रविवार शाम लगभग 5.45 बजे उन्हें जो जवाब मिला, उसने उन्हें स्तब्ध कर दिया: ‘राठौर साहब बोहत बहादुर था आपका बेटा, गुस्ताक ए नबी की एक सज़ा तन सर से जुदा.
कुछ घंटे पहले, उमाशंकर की बेटियों ने उन्हें निशंक की प्रोफाइल पर पोस्ट की गई एक इंस्टाग्राम स्टोरी के स्क्रीनशॉट भेजे थे. इसमें छात्र भगवा रंग का धार्मिक झंडा पकड़े हुए था. फोटो पर एक बड़ा लाल क्रॉस बना हुआ था. कैप्शन में पैगंबर का अपमान करने वालों के सिर काटने के बारे में वही पंक्ति लिखी हुई थी.
अब उनकी चिंता और भी बढ़ गई क्योंकि भोपाल के ओरिएंटल कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री ले रहा निशांक कुछ दिनों से उनका फोन नहीं उठा रहा था या मैसेज का जवाब नहीं दे रहा था. सिर्फ रविवार सुबह 11 बजे उसका जल्दबाजी में दिया गया जवाब मिला- मैं जल्द ही घर आऊंगा. उसके बाद से उसकी कोई खोज-खबर नहीं थी.
परिवार वाले पहले से ही स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर निशंक की तलाश करने में जुटे थे. उसी समय उन्हें दर्दनाक खबर मिली. निशंक का शव भोपाल से 60 किलोमीटर दूर रायसेन जिले के मिडघाट स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर मिला.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पोस्टमार्टम से पता चला है कि निशंक का शरीर उसके धड़ से आधा कट गया था. अंतिम रिपोर्ट एक दो दिनों में आने की संभावना है. सूत्रों ने बताया कि निशंक की बाइक, उसका फोन और चप्पल, यही कुछ चीजें थी जो वहां आस-पास बिखरी पड़ी थीं.
सूत्रों के मुताबिक, वह किराए की बाइक पर अपने घर की ओर जा रहा था लेकिन किसी कारण से उसने यू-टर्न लेने का फैसला किया. रैलवे ट्रेक पर जाने से कुछ समय पहले उसने बाइक में पेट्रोल भी भरवाया था.
निशंक की मौत से पहले की रहस्यमय परिस्थितियों और डरावने मैसेज ने धार्मिक रूप से प्रेरित हत्या और #JusticeforNishank जैसे हैशटैग की अफवाहों को जन्म दिया.
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने रायसेन के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अमृत सिंह मीणा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया.
हालांकि पुलिस का दावा है कि अब तक सभी संकेत हत्या के बजाय आत्महत्या की ओर इशारा कर रहे हैं.
दिप्रिंट से बात करते हुए रायसेन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विकास सहवाल ने कहा कि निशंक उस पैसे की वजह से परेशान था, जो उसने ‘लोन ऐप्स’ और ‘इनवेस्टमेंट्स’ से उधार लिया था. उसने यह पैसा क्रिप्टोकरेंसी में लगाया था.
एसपी ने बताया, ‘उसका फोन और लैपटॉप फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है. हमें पता चला कि उसके फोन पर बहुत सारे लोन ऐप थे जिनका वह इस्तेमाल कर रहा था. फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि उसने इन ऐप्स का इस्तेमाल कब और कैसे किया.’
उधर निशंक के परिवार ने आत्महत्या की थ्योरी को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसके पास ऐसा कदम उठाने का ‘कोई कारण नहीं’ था.
उसकी बहन दीक्षा ने दिप्रिंट को बताया, ‘मुझे यकीन है कि निशंक की हत्या हुई है. वह काफी खुशमिजाज और हसमुख लड़का था. जीवन को समझने की कोशिश कर रहा एक 20 साल का इंजीनियरिंग छात्र… मैं नहीं मानती कि वह कभी इतना गलत कदम भी उठा सकता था.’
सहवाल ने कहा, ‘हमारे मुताबिक यह आत्महत्या का मामला है. लेकिन हम परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों की भी जांच करना चाहते हैं.’ अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.
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‘सबूत आत्महत्या का संकेत दे रहे हैं’
सोशल मीडिया के कुछ हिस्सों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि निशंक की ‘हत्या’ की गई क्योंकि उसने अपनी ‘हिंदू पहचान’ को जाहिर किया था. मामला तब और भावुक हो गया जब निशंक की बहन ने उनके बेजान हाथ पर राखी बांधी.
शब्द ‘सर तन से जुदा’ हाल ही में पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा को मिल रही धमकियों से जुड़ा है, जिनकी पैगंबर मुहम्मद के बारे में की गई टिप्पणी ने एक विवाद को जन्म दे दिया.
हालांकि निशंक की दो या तीन पोस्ट ही हैं जिसमें उसने धार्मिक झंडे के साथ पोज़ किया हुआ है. इसके अलावा उसकी इंस्टाग्राम प्रोफाइल किसी भी अन्य कॉलेज के छात्र की तरह है, जिसमें कैफे में आराम करते हुए कुछ तस्वीरें और कुछ रीलें हैं. बाद की कुछ रीलें जरूर उसके परेशान मूड की ओर इशारा करती हैं.
रायसेन पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है लेकिन निशंक के परिवार ने इस संभावना को सिरे से खारिज कर दिया है.
एसपी सहवाल ने दिप्रिंट को बताया कि अब तक के मिले सबूतों में किसी भी तरह की साजिश के संकेत नहीं मिले हैं.
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘आमतौर पर, माता-पिता को अपने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है लेकिन हम समझ सकते हैं कि वे क्या कर रहे हैं. हमारा अनुभव और अब तक हमने जो भी सबूत जुटाए हैं, उनसे तो यही संकेत मिलता है कि यह आत्महत्या का मामला है.
उन्होंने आगे कहा, ‘एक बड़े समूह के साथ उसके जुड़ने का कोई पैटर्न या निशान नहीं है. कॉलेज में उसके साथ कोई अनुशासनात्मक मसला भी नहीं था. हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली जिससे यह पता चले कि उसकी किसी ने हत्या की थी.’
एसपी ने कहा कि पुलिस ‘अब तक जो जानती है वह यह है कि निशंक एक ट्रेन की चपेट में आ गया और उसका शरीर आधा कट गया.’ उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा उसके शरीर पर किसी और चोट के निशान नहीं थे, जिससे किसी साजिश का संदेह हो.’
पुलिस सूत्रों ने कहा कि एसआईटी ने जांच के दौरान पाया कि निशंक ने कई दोस्तों से पैसे उधार लिए और वह क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहा था. परिवारवालों, कॉलेज के अधिकारियों और दोस्तों के विस्तृत बयानों के बाद पुलिस ने भी माना कि वह लोन ऐप के ‘जाल में’ फंसा हुआ था. वो ऐप जिनसे तुरंत छोटे-मोटे लोन तो मिल जाते हैं लेकिन बदले में काफी उच्च ब्याज दर वसूली जाती है.
पुलिस सूत्रों ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि निशंक पर दोस्तों और लोन ऐप से उधार लिए गए पैसे वापस करने का दबाव था. उन्होंने कहा कि चूंकि क्रिप्टो बाजार भी क्रेश हो रहा था, इसने उसके संकट को और बढ़ा दिया होगा.
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‘डिप्रेशन के कोई लक्षण नहीं’
निशंक के परिवार वाले अकेले नहीं हैं जो विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि उनके बच्चे की मौत का कारण आत्महत्या है.
अपनी मौत से पहले के दिनों में निशंक स्कूल के अपने एक दोस्त राज रघुवंशी के साथ भोपाल में रहता था.
रघुवंशी ने बताया, ‘मैं उसे चौथी कक्षा से जानता हूं. वह ऐसा नहीं कर सकता था. कॉलेज में भी वह ठीक-ठाक ही कर रहा था. क्रिप्टोकरेंसी के बारे में उसे काफी जानकारी थी और उसमें पैसा लगाता रहता था. जब बाजार क्रैश हो रहा था, उस दौरान भी उसमें डिप्रेशन के लक्षण नहीं नजर आ रहे थे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘उसने पैसे उधार लिए थे लेकिन वह भी उसके अच्छे दोस्तों में से थे जिन्हें उस पर काफी विश्वास था. वो उसे कभी ब्लैकमेल नहीं कर सकते थे. अगर उन्होंने ऐसा किया है तो यह काफी अजीब है.’
भोपाल के ओरिएंटल कॉलेज के अधिकारी भी हैरान हैं. निशंक यहां पांचवें सेमेस्टर के बीटेक का छात्र था. उन्होंने कहा, ‘लेकिन छात्र कुछ परेशानी में है ऐसा लगता था’.
कॉलेज के रजिस्ट्रार आशीष निगम ने बताया कि निशंक ने पिछले सेमेस्टर में अपनी सभी कक्षाएं मिस कर दी थीं.
निगम ने कहा, ‘चौथे सेमेस्टर तक निशंक की फीस मिल चुकी थी और पांचवां सेमेस्टर शुरू हुए सिर्फ 10 दिन हुए हैं. लेकिन उन्होंने चौथे सेमेस्टर में भी कोई क्लास नहीं ली थी.’
उन्होंने कहा कि निशंक के साथ कभी भी कोई अनुशासनात्मक मसला नहीं था और उनका शैक्षणिक प्रदर्शन संतोषजनक था. उन्होंने आगे कहा, ‘अच्छे छात्र जो आमतौर पर शांत रास्ते पर चलते हैं, कभी-कभी उन पर नज़र रखना मुश्किल हो जाता है. उनका रिजल्ट भी ठीक था इसलिए हमें नहीं पता कि इस घटना के पीछे क्या वजह रही.’
एसपी सहवाल ने कहा कि जांच अभी खत्म नहीं हुई है लेकिन जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा.
उन्होंने बताया, ‘हम अपनी न्यायिक जांच रिपोर्ट तब शुरू करेंगे जब हम सौ प्रतिशत सुनिश्चित हो जाएंगे कि हमारे एकत्रित साक्ष्य से परे कुछ भी नहीं है. पुलिस के लिए कुछ ही दिनों में विवरण का पता लगाना मुश्किल है. इसलिए हम दो दिन और इंतजार करेंगे. अगर कुछ भी नया सामने नहीं आता है तो हम आधिकारिक तौर पर हत्या की संभावना से इंकार कर देंगे.’
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