मामल्लापुरम, 27 जुलाई (भाषा) मामल्लापुरम तीन साल पहले आकर्षण का केंद्र बना था जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी की थी और अब दोबारा यह शहर सुर्खियों में हैं क्योंकि इसे 28 जुलाई से 44वें शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी करनी है।
भारत में पहली बार इस प्रतिष्ठित शतरंज टूर्नामेंट का आयोजन हो रहा है और चेन्नई तथा मामल्लापुरम शहर के लोगों में इस प्रतियोगिता को लेकर काफी रोमांच है।
ओलंपियाड के शुभंकर ‘थांबी’ (सफेद पारंपरिक पोषाक में घोड़ा) को कई जगहों पर देखा जा सकता है जबकि तमिलनाडु सरकार इस प्रतियोगिता को बढ़ावा देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही। राज्य सरकार की इस प्रतियोगिता की मुख्य प्रायोजक भी है।
दुनिया के पास यह तटीय शहर मामल्लापुरम को जानने का मौका है। अपनी शिल्पकला और समुद्र तट के किनारे बने मंदिरों के लिए मशहूर इस शहर में दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ दिमाग और खिलाड़ी खिताब के लिए चुनौती पेश करेंगे।
स्थानीय निवासी जी मोहन ने कहा, ‘‘यह शानदार है कि इतनी बड़ी प्रतियोगिता का आयेाजन शहर में हो रहा है। मामल्लापुरम को सुर्खियां बनने के अधिक मौके नहीं मिलते। ओलंपियाड के कारण इतने सारे लोगों की जवाब पर हमारे शहर का नाम है। मैं शतरंज को नहीं देखता लेकिन मैं विश्वनाथन आनंद और उनकी उपलब्धियों के बारे में जानता हूं। उम्मीद करता हूं कि भारतीय टीम यहां पदक जीतेंगी और हमारे शहर को और अधिक लोकप्रिय बनाएंगी।’’
भारत ओपन और महिला दोनों वर्ग में तीन-तीन टीम उतार रहा है और पदक के दावेदारों में शामिल है। लोगों को इस दौरान दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन, अमेरिका के फाबियानो कारूआना और लेवोन अरोनियन तथा पोलैंड के यान क्रिस्टोन डुडा जैसे खिलाड़ियों को खेलते हुए देखने का मौका मिलेगा।
भाषा सुधीर नमिता
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