नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) दूरसंचार सेवाओं के लिए डिजिटल ढांचा उपलब्ध करने वाली कंपनियों के संगठन ‘दीपा’ ने बिजली सचिव से देशभर में दूरसंचार कंपनियों पर लगाए जाने वाले बिजली शुल्क की समीक्षा करने का आग्रह किया है।
डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (दीपा) की तरफ से यह अनुरोध दरअसल 5जी नेटवर्क शुरू करने पर आने वाले पूंजीगत व्यय के मद्देनजर किया गया है।
उद्योग निकाय ने देश के अधिकांश हिस्सों में लगाई गई वाणिज्यिक श्रेणी की दर के मुकाबले दूरसंचार कंपनियों पर औद्योगिक श्रेणी के बिजली शुल्क की मांग की है।
दीपा ने बिजली सचिव आलोक कुमार को लिखे पत्र में कहा कि 5जी नेटवर्क को शुरू करने के लिए पूंजीगत व्यय से दूरसंचार सेवाओं की लागत में बढ़ोतरी हो सकती है। इसलिए कंपनियों पर बोझ कम करने के लिए बिजली दरों में छूट दी जानी चाहिए।
उद्योग निकाय ने कहा, ‘‘इसके अलावा 5जी सेवाओं और राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम) के 50 लाख किलोमीटर के फाइबर का जाल बिछाने पर भारी निवेश की जरूरत होगी। इससे पूंजीगत व्यय बढ़ेगा और दूरसंचार सेवाओं की लागत बढ़ेगी।’’
उद्योग के अनुमान के अनुसार, टावर परिचालन खर्च का करीब 30 प्रतिशत बिजली शुल्क में चला जाता है, जो एक बड़ी राशि है।
भाषा जतिन अजय
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